हाल ही में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आसियान-भारत आर्थिक मंत्रियों की 17 वीं परामर्श बैठक ’का आयोजन किया गया।इस बैठक का आयोजन 29 अगस्त, 2020 को का भारतीय कोरिया और उद्योग मंत्री ’और वियतनाम के उद्योग और व्यापार मंत्री की सह अध्यक्षता में किया गया।
इस बैठक में सभी 10 आसियान (आसियान) देशों (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, भारत, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) के व्यापारियों ने भाग लिया।
बैठक में शामिल सभी देशों ने COVID-19 महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक चुनौतियों को कम करने के लिए मिलकर कार्य करने की अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
साथ ही सभी देशों ने व्यापार विश्व व्यापार संगठन ’(विश्व व्यापार संगठन- WTO) के नियमों के तहत क्षेत्र में अतिआवश्यक वस्तुओं और दवाओं आदि के निर्बध प्रवाह के लिए वित्तीय स्थिरता और आपूर्ति श्रृंखला की कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करने का संकल्प लिया।
- इस बैठक के दौरान ‘आसियान-भारत व्यापार परिषद’ की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
- AIBC की रिपोर्ट में सभी देशों के पारस्परिक लाभ हेतु आसियान भारत वस्तु व्यापार समझौता की समीक्षा का सुझाव दिया गया है।
- बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को समीक्षा पर विचार विमर्श शुरू करने का निर्देश दिया गया है जिससे मुक्त-व्यापार समझौते को व्यवसायों के लिये और अधिक आसान, सुविधाजनक और अनुकूल बनाया जा सके।
- इस समीक्षा के माध्यम से समकालीन व्यापार सुविधा प्रथाओं को अपनाकर और सीमा-शुल्क तथा विनियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित कर समझौते को आधुनिक बनाया जाएगा।
- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने इस समझौते को बेहतर बनाने के लिये कई सुधारों की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-
- गैर-शुल्क प्रतिबंधों को दूर करना।
- बाज़ार पहुंच को बेहतर बनाना।
- ‘रूल्स ऑफ ओरिजिन’ के प्रावधानों को मज़बूत करना।
- रूल्स ऑफ ओरिजिन, किसी उत्पाद के राष्ट्रीय स्त्रोत के निर्धारण के लिये आवश्यक मापदंड हैं।अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में ‘रूल्स ऑफ ओरिजिन’ बहुत ही महत्त्वपूर्ण है क्योंकि कई मामलों में वस्तुओं पर शुल्क और प्रतिबंध का निर्धारण ‘आयात के स्त्रोत पर निर्भर करता है। इसका प्रयोग ‘एंटी-डंपिंग शुल्क’ या देश की वाणिज्य नीति के तहत अन्य सुरक्षात्मक कदम उठाने, व्यापार आँकड़े तैयार करने, सरकारी खरीद आदि में किया जाता है।