बिहार सरकार ने मंदिर की भूमि का मालिक पुजारियों के बजाय देवी/देवताओं को बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ‘बिहार सरकार छह सितंबर 2021 को जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करेगी. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की उच्चतम न्यायालय की पीठ ने आदेश दिया था कि ‘कानून के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है’ कि राजस्व रिकॉर्ड में पुजारी या प्रबंधक के नाम का उल्लेख करना आवश्यक है.’
पीठ ने अपने इस फैसले के पक्ष में राम जन्मभूमि मामले के फैसले का भी हवाला दिया था कि किसी मंदिर में विराजमान देवता भूमि का स्वामी होता है और उनके नाम पर संपत्ति हो सकती है.