टीबी या क्षय रोग बैक्टीरिया (माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस) के कारण होता है जो फेफड़ों को सबसे अधिक प्रभावित करता है।टीबी एक संक्रामक रोग है , स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय’ द्वारा वार्षिक तपेदिक (टीबी) रिपोर्ट, 2020 जारी की गई है जिसके मुख्य बिन्दु निम्न प्रकार हैं –
- टीबी रिपोर्ट, 2020 के अनुसार, वर्ष 2019 में लगभग 24.04 लाख टीबी (क्षय) मरीज़ों को चिन्हित किया गया है जो वर्ष 2018 की तुलना में 14% अधिक हैं।
- विश्व में टीबी-एचआईवी से एक साथ होने वाली मौतों की संख्या में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है जिसमे कुल 9% मरीज़ शामिल हैं। हर वर्ष टीबी-एचआईवी सह-संक्रमण से लगभग 9,700 लोगों की मृत्य हो जाती है। कुल 92000 ऐसे लोगों को अधिसूचित किया गया है जिन्हें टीबी-एचआईवी एक साथ है।
- वर्ष 2019 में, संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अधिसूचित टीबी रोगियों में 64 प्रतिशत रोगियों की रक्त शर्करा की जाँच की गई थी।
- तम्बाकू के उपयोग के कारण 8% टीबी मामलों में वृद्धि देखी गई है
- देश में अभी भी 0.54 मिलियन टीबी की आबादी को अधिसूचित नहीं किया गया है । यह चिंता का विषय है।
राज्य तपेदिक/टीबी सूचकांक:
- उत्तर प्रदेश (20%), महाराष्ट्र (9%), मध्यप्रदेश (8%) राजस्थान (7%) और बिहार (7%) हैं।आधे से अधिक मामले उपर्युक्त पाँच राज्यों में देखे गए हैं।
- गुजरात, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश 50 लाख आबादी वाले – शीर्ष तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
- नागालैंड और त्रिपुरा 50 लाख से कम आबादी वाले – शीर्ष राज्यों
सरकार के प्रयास:
- भारत सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम’ (NTP) की शुरूआत वर्ष 1962 में बीसीजी टीकाकरण और टीबी उपचार से जुड़े ज़िला टीबी मॉडल केंद्र के रूप में की गई थी।
- वर्ष 1993 में ‘राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रम’ को ‘संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम’ (Revised National TB Control Program-RNTCP) के रूप में लागू किया गया।इसे अब ‘राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम’ (National Tuberculosis Elimination Program-NTEP) के नाम से जाना जाएगा।
- वर्ष 1997 में ‘संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम’ के तहत टीबी/क्षय रोग के इलाज़ के लिये ‘डॉट्स’ पद्धति (Directly Observed Treatment, Short Course-DOTS) को शामिल किया गया जिसके अंतर्गत वर्ष 2005 तक पूरे देश को कवर किया गया।इस विधि को WHO द्वारा विश्व स्तर पर टी.बी. को नियंत्रित करने के लिये अपनाया गया है।
- WHO द्वारा वर्ष 2030 तक विश्व को टीबी/क्षय/तपेदिक के मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है परंतु वर्तमान में भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग को खत्म करने के लिये क्षय रोग वर्ष 2017-2025′ के लिये ‘राष्ट्रीय रणनीतिक योजना’ जारी की है