पंचायती राज मंत्रालय तथा पेयजल और स्वच्छता विभाग (जल शक्ति मंत्रालय) की सिफारिश पर एवं 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर वित्त मंत्रालय द्वारा 28 राज्यों में विस्तृत 2.63 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों (Rural Local Bodies-RLBs) को 15187.50 करोड़ रुपए की किस्त अनुदान राशि जारी की गई है। वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2020-21 की अवधि के लिये RLBs अनुदान का कुल आकार 60,750 करोड़ रुपए तय किया है जो वित्त आयोग द्वारा किसी एक वर्ष में किया गया सबसे अधिक आवंटन है।
पंचायती राज के सभी स्तरों के लिये, पाँचवीं और छठी अनुसूची क्षेत्रों के पारंपरिक निकायों सहित, दो भागों में, अनुदान प्रदान करने की सिफारिश की है। अनुदान का 50% बेसिक ग्रांट होगा और 50% बद्ध अनुदान होगा।
1.बेसिक अनुदान (Basic Grant):– बेसिक अनुदान अबद्ध ( untied ) हैं और वेतन या अन्य स्थापना व्यय को छोड़कर, स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप RLBs द्वारा उपयोग में लाए जा सकते हैं।
2.बद्ध अनुदान (Tied Grants): इसका उपयोग निम्न मूल सेवाओं के लिये किया जाना है:
(क) स्वच्छता और ODFs स्थिति का अनुरक्षण।
(ख) पेयजल, वर्षा-जल संचयन और जल पुनर्चक्रण की आपूर्ति।
राज्य सरकारें नवीनतम राज्य वित्त आयोग की स्वीकृत सिफारिशों के आधार पर पंचायतों के सभी स्तरों- गाँव, ब्लॉक और ज़िले तथा पाँचवीं एवं छठी अनुसूची क्षेत्रों के पारंपरिक निकायों को 15वें वित्त आयोग का अनुदान वितरित करेंगी, जो 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित निम्नलिखित मानकों के अनुरूप होना चाहिये- ग्राम पंचायतों 70-85% , ब्लॉक/मध्यवर्ती पंचायतों 10-25% , ज़िला/ज़िला पंचायतों के लिये 5-15%
महत्त्व
इस कोष की उपलब्धता RLBs के ग्रामीण नागरिकों को बुनियादी सेवाओं को प्रदान करने में उनकी प्रभावशीलता को बढ़ावा देगी और उन्हें प्रवासी मज़दूरों को लाभकारी रोज़गार प्रदान करने में भी सशक्त बनाएगी जो COVID-19 के कारण मूल स्थानों पर लौट आए हैं।साथ ही रचनात्मक तरीके से ग्रामीण बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने में भी सहयोगी होगी।