जनवरी‚ 2022 में टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर ने वैश्विक मानकों एवं सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप एक आधारभूत आवश्यकता के रूप में ‘कोड ऑफ प्रैक्टिस फॉर सेक्योरिंग कंज्यूमर इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी)’ ( ‘Code of Practice for Securing Consumer Internet of Things (IoT)’ नामक रिपोर्ट जारी की।
इसका उद्देश्य उपभोक्ता इंटरनेट ऑफ थिंग्स उपकरणों को सुरक्षित करना है।
ये दिशा-निर्देश उपभोक्ता आईओटी उपकरणों एवं इकोसिस्टम को सुरक्षित करने के साथ-साथ इससे संबंधित कमजोरियों के प्रबंधन में मददगार होगा।
यह रिपोर्ट आईओटी उपकरणों के निर्माताओं‚ सेवा प्रदाताओं/सिस्टम इंटीग्रेटर्स और एप्लिकेशन डेवलपर्स के लिए जारी की गई है।
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) तकनीक का उपयोग कनेक्टेड उपकरणों की सहायता से बिजली‚ मोटर वाहन‚ सुरक्षा एवं निगरानी‚ दूरस्थ स्वास्थ्य प्रबंधन‚ कृषि‚ स्मार्ट होम और स्मार्ट सिटी आदि जैसे विभिन्न कार्यक्षेत्रों में स्मार्ट बुनियादी ढांचे के निर्माण में किया जा रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2026 तक वैश्विक स्तर पर 26.4 बिलियन आईओटी उपकरणों को उपयोग में लाया जा सकता है।
इसमें से लगभग 20 प्रतिशत उपकरण सेलुलर प्रौद्योगिकियों पर आधारित होंगे।
उपभोक्ता और उद्यम आईओटी उपकरणों का अनुपात 45:55 प्रतिशत हो सकता है।
दूरसंचार विभाग द्वारा जारी राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी)‚ 2018 के तहत वर्ष 2022 तक पांच बिलियन कनेक्टेड उपकरणों के लिए एक इकोसिस्टम बनाए जाने का लक्ष्य है।
वर्ष 2022 तक भारत में पांच बिलियन का लगभग 60 प्रतिशत अर्थात तीन बिलियन कनेक्टेड उपकरण मौजूद हो सकते हैं‚ ऐसी संभावना है।
दूरसंचार विभाग के अंतर्गत टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर ने अब तक सोलह तकनीकी रिपोर्टें जारी की हैं।