रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीन दिवसीय चौथे गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव को सम्बोधित करते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय सहयोगात्मक शमन ढांचे की स्थापना का आह्वान किया।
यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन, समुद्री डकैती, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, अत्यधिक मछली पकड़ने और खुले समुद्र में वाणिज्य की स्वतंत्रता जैसी आम समुद्री चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करेगा। इस चौथे संस्करण का विषय ‘हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा: सामान्य समुद्री प्राथमिकताओं को सहयोगात्मक शमन ढांचे में परिवर्तित करना’ है।
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्र को कम सुरक्षित और कम समृद्ध बनाने वाले स्वार्थी हितों से बचते हुए सामान्य समुद्री प्राथमिकताओं को सहयोगात्मक ढंग से संबोधित करने की आवश्यकता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों का सम्मान करने के महत्व को रेखांकित किया, जैसा कि समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूएनसीएलओएस) 1982 में प्रतिपादित किया गया था। उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र, खुला और नियम-आधारित समुद्री आदेश सभी के लिए प्राथमिकता है।
नेवल वॉर कॉलेज, गोवा के तत्वावधान में कॉन्क्लेव के दौरान कई सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे देशों सहित ग्यारह अन्य हिंद महासागर देशों के रक्षा प्रभारी प्रतिनिधि और नौसेनाओं के प्रमुख/समुद्री बलों के प्रमुख/वरिष्ठ प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।