विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) द्वारा जारी ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2021 (Global Gender Gap Report 2021) के अनुसार, भारत विगत वर्ष के मुकाबले 28 स्थान पिछड़कर 156 देशों में 140 वें स्थान पर आ गया है। वर्ष 2020 में भारत 153 देशों में से 112 वें स्थान पर था।
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में लैंगिक अंतराल (जेंडर गैप) 62.5 फीसदी है। ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में भारी गिरावट राजनीतिक भागीदारी के मोर्चे पर देखी गई। वर्ष 2019 में देश में महिला मंत्रियों की संख्या 23.1 प्रतिशत से गिरकर वर्ष 2021 में 9.1 प्रतिशत आ गयी।
भारत में महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर 24.8 प्रतिशत से घटकर 22.3 प्रतिशत हो गई। सूचकांक के मुताबिक आइसलैंड दुनिया में सर्वाधिक लैंगिक समानता वाला देश है, जिसके बाद फिनलैंड, नॉर्वे, न्यूजीलैंड, रवांडा, स्वीडन, आयरलैंड और स्विट्जरलैंड का स्थान हैं।
सूचकांक में बांग्लादेश 65वें , नेपाल 106वें , पाकिस्तान 153वें , अफगानिस्तान 156वें , भूटान 130वें और श्रीलंका 1111वें स्थान पर है। ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स चार प्रमुख आयामों (आर्थिक भागीदारी और अवसर, शैक्षिक प्राप्ति, स्वास्थ्य और जीवन रक्षा, और राजनीतिक सशक्तीकरण) के बीच लैंगिक अंतराल के विकास और समय के साथ इन अंतरालों को कम करने की दिशा में हुई प्रगति को दर्शाता है।
विगत वर्ष की रिपोर्ट में कहा गया था कि पूरी दुनिया में जेंडर इक्वैलिटी के लक्ष्य को हासिल करने में 99.5 साल लगेंगे लेकिन इस साल की रिपोर्ट में कोविड महामारी का हवाला देते हुए कहा गया है कि जेंडर इक्वैलिटी ;यानि लैंगिक समानता को हासिल करने में 135.5 साल लगेंगे।