ख़बरों में क्यों :
पूरे देश में जमीन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। उसकी उत्पादकता कम हो रही है लेकिन बिहार में इसकी रफ्तार हिमाचल प्रदेश के बाद सबसे कम है। बिहार की स्थिति देश के अन्य राज्यों से बेहतर है। यहां फसलों का उत्पादन और उत्पादकता दोनों बढ़ी है। सिर्फ तेलहन का ही उत्पादन और उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
प्रमुख बिंदु :
- हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार 8 राज्यों में ही 80 फीसदी क्षरित भूमि है। मिजोरम में 188 फीसदी तो पंजाब में 80 फीसदी क्षरित भूमि में बढ़ोतरी हुई है।
- हिमाचल में 12 फीसदी के बाद सबसे कम उत्पादकता घटने वाला प्रदेश बिहार ही है। यहां केवल 13 फीसदी का ही इजाफा हुआ है।
- बिहार में उपज दर घट रही है। पिछले वर्षों में यहां 2 लाख हेक्टेयर में कम खेती हुई। जमीन की उत्पादकता घटने का सबसे बड़ा कारण जंगल का कटना है।
- देश में 15 वर्षों में 30 लाख हेक्टेयर जमीन खराब हुई। राजस्थान में 22 फीसदी, महाराष्ट्र में 15 फीसदी, गुजरात में 10 फीसदी जमीन जबकि लद्दाख-झारखंड में 6-6 फीसदी जमीन क्षरित हुई है।
- बिहार ने अपने बेहतर योजना और कृषि को लेकर उसके कार्यान्वयन के कारण इस समस्या पर काफी हद तक काबू पाया है।