6 मार्च 2020 को, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड के लिए परिसीमन आयोग के गठन के लिए एक आदेश जारी किया। यह आयोग उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में स्थापित किया गया है। चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र इसके पदेन सदस्य होंगे जबकि संबंधित राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के चुनाव आयुक्त इसके अन्य सदस्य होंगे।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2001 की आबादी के आधार पर लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्रें के परिसीमन का कार्य नवंबर 2008 में संपन्न हुआ था परंतु जम्मू एवं कश्मीर एवं पूर्वोत्तर राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर एवं नगालैंड में यह संपन्न नहीं हो पाया था।
परिसीमन आयोग
यह संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों को चुनाव कराने के लिए सीमांकित या विभाजित किया जाता है। यह कार्य परिसीमन आयोग द्वारा किया जाता है। परिसीमन आयोग का गठन भारत में अब तक चार बार किया गया है। 1952 में परिसीमन अधिनियम 1952 के तहत, 1963 में परिसीमन अधिनियम 1962 के तहत, 1972 में परिसीमन अधिनियम 1972 के तहत और 2002 में परिसीमन अधिनियम 2002 के तहत।
परिसीमन अधिनियम 2002 के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त परिसीमन आयोग में सर्वोच्च न्यायालय का पदासीन या सेवानिवृत्त न्यायाधीश उसका अध्यक्ष होगा जबकि मुख्य चुनाव आयुक्त या सीईसी द्वारा नामित चुनाव आयुक्त तथा राज्य चुनाव आयुक्त इसका पदेन सदस्य होंगे।