जल-प्रपात
जब नदी ऊंचाई से सीधी भूपटल पर गिरती है, तो एक झरना बनता है।
जल-प्रपात का निर्माण दो दशाओं में होती है:-
1) जब हार्ड शेल और सॉफ्ट शेल एक क्षैतिज दिशा में स्थित होते हैं, तो सॉफ्ट शेल जल्दी से घिस जाता है और हार्ड शेल का क्षरण कम हो जाता है, इससे दोनों शैल के तल में अंतर आ जाती है और जल प्रपात का निर्माण हो जाता है.
2) जब नदी घाटी की कोमल चट्टानों के बीच कोई कठोर चट्टान लम्बवत स्थिति में खड़ी होती है, तो कोमल चट्टान सरलता से शीघ्र अपरदित हो जाती है, परन्तु कठोर चट्टान का अपरदन बहुत कम होता है और वह अपनी स्थिति में वैसी -की -वैसी ही बानी रहती है. अतः नदी का जल कठोर चट्टान के ऊपर से जल -प्रपात बनाता हुआ, नीचे चट्टान पर गिरता है.
विश्व का प्रमुख जल -प्रपात
नाम | स्थित |
एंजेल प्रपात (सबसे ऊँचा ) | वेनेजुएला |
ब्राउनी प्रपात | न्यूजीलैण्ड |
न्याग्रा प्रपात | यूएसए तथा कनाडा |
योसेमाइड प्रपात | यूएसए |
विक्टोरिया प्रपात | जिम्बाब्वे |
ग्राण्ड प्रपात | कनाडा |
गरसोप्पा प्रपात | भारत (शरावती नदी ) |
टुगेला प्रपात | दक्षिणी अफ्रीका |
ट्रेस हरमनास प्रपात | पेरू |
ओलो उपेना प्रपात | यूएसए |
विनुफास्सन प्रपात | नॉर्वे |
बूस प्रपात | कनाडा |
स्टूपैन फ़ॉस्फ़ान प्रपात | नॉर्वे |
लिविंगस्टोन प्रपात | कांगो |
बोयोमा प्रपात | कांगो |
खोने प्रपात | लाओस |
वर्जीनिया | कनाडा |