हाल ही में जापान ने अपनी पहली हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली ट्रेन लॉन्च की है। जापान सरकार ने वर्ष 2050 तक हाइड्रोजन के उपयोग की मात्रा को 20 मिलियन टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। यह जापान का कार्बन न्यूट्रल देश बनने के लक्ष्य की तरफ एक कदम है। जापान अपनी हाइड्रोजन-ईंधन वाली ट्रेन का परीक्षण अगले महीने से शुरू करेगा। वर्ष 2018 में जर्मनी में Alstom SA ने दुनिया की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन विकसित की थी।
दो कारों वाली इस ट्रेन का नाम ‘हाइबारी (Hybari)’ रखा गया है।
इसकी कीमत 4 बिलियन येन / 35 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक है।
हिताची (Hitachi) और टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन (Toyota Motor Corporation) के सहयोग से पूर्वी जापान रेलवे द्वारा यह ट्रेन विकसित की गई है।
इसकी टॉप स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा है और एक बार हाइड्रोजन ईंधन भरने पर यह 140 किलोमीटर तक दूरी तय कर सकती है।
हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों में यूरोप सबसे आगे रहा है। Deutsche Bahn AG और Siemens AG द्वारा विशेष ईंधन स्टेशन और नई क्षेत्रीय ट्रेनें विकसित की जा रही है जिनका परीक्षण वर्ष 2024 तक किया जाएगा।