झारखण्ड में कुपोषण और एनीमिया के खिलाफ 1000 दिनों का ‘समर’ (SAAMAR: Strategic Action for Alleviation of Malnutrition and Anemia Reduction) अभियान आरम्भ किया गया है।
राज्य सरकार समर परियोजना के तहत करीब तीन वर्षों तक महाअभियान चलाएगी जिसका इसका उद्देश्य पर्याप्त और पौष्टिक भोजन प्राप्त करनेवाले बच्चों की संख्या में वृद्धि करना है। इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान मातृ-शिशु मृत्यु और मातृ व बाल स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को कम करना भी उद्देश्य है।
परियोजना में ऐप की मदद से डाटा संग्रह किया जाएगा और टीम अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण से संबंधित जानकारी इक्कठा करेगी और एनीमिया से पीड़ित 15 से 35 वर्ष आयु की किशोरियों, महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की स्वास्थ्य की भी जानकारी ली जायेगी और त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य गठन के 20 वर्ष बाद भी झारखंड में कुपोषण बड़ी समस्या है। ताजा राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य के 42.9 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। एनीमिया से झारखंड के 69 प्रतिशत बच्चे और 65 प्रतिशत महिलाएं प्रभावित हैं।