नैटान्ज़, ईरान की राजधानी तेहरान के दक्षिण में स्थित एक ‘यूरेनियम संवर्द्धन’ केंद्र है।यह ईरान के साथ वर्ष 2015 में किये गए ‘संयुक्त व्यापक क्रियान्वयन योजना’ ( JCPOA) परमाणु समझौते के बाद ‘अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी’ (IAEA) द्वारा निगरानी की गई साइटों में से एक है।हाल ही में जारी सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, इस भूमिगत परमाणु सुविधा केंद्र में आग लगने की दुर्घटना हुई है।नैटान्ज़ को ईरान के प्रथम पायलट ईंधन संवर्द्धन संयंत्र के रूप में जाना जाता है।
क्या होता है यूरेनियम संवर्धन – यूरेनियम संवर्द्धन वह प्रक्रिया है जो परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिये ईंधन का उत्पादन करती है।किसी खदान से निकला कच्चे यूरेनियम में एक फीसद यूरेनियम ऑक्साइड होता है। जब इसकी रसायनों के साथ अभिक्रिया कराई जाती है, तो ऑक्साइड हासिल होता है। इससे येलो केक तैयार होता है। येलो केक एक पाउडर होता है, जिसमें 80 फीसद यूरेनियम ऑक्साइड रहता है
यूरेनियम की संवर्धन प्रक्रिया के तहत येलो केक एक गैस में तब्दील होता है, जिसे यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड कहते हैं। इस गैस को सेंट्रीप्यूज में भेजा जाता है, जहां इस गैस को तेजी से घुमाया जाता है। इस प्रक्रिया में यूरेनियम-238 से लैस अपेक्षाकृत ज्यादा भारी गैस बाहर निकल जाती है, जबकि यूरेनियम-235 युक्त अपेक्षाकृत हल्की गैस बीच में रह जाती हैसंवर्धन प्रक्रिया के अंत में दो चीजें मिलती हैं। एक तो संवर्धित यूरेनियम जिसका इस्तेमाल ईंधन बनाने या बमों में किया जाता है। दूसरा तत्व यूरेनियम का कचरा कहलाता है।
परमाणु रियक्टरों में इस्तेमाल होने वाले यूरेनियम का संवर्धित चार फीसद यूरेनियम-235 होता है। जबकि परमाणु बमों में इसका संवर्धन 90 फीसद तक होना जरूरी है। 2015 में हुए परमाणु समझौते के तहत ईरान को यूरेनियम संवर्धन की छूट केवल 3.67 फीसद तक ही दी गई थी
नैटान्ज़ तब चर्चा में आया जब IAEA ने यहाँ विस्फोटक नाइट्रेट्स के सफल परीक्षण की आशंका के बाद अक्तूबर, 2019 में निरीक्षण का निर्णय किया परंतु ईरान ने IAEA इंस्पेक्टर को सुविधा के निरीक्षण की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
स्टक्सनेट कंप्यूटर वायरस (Stuxnet )– इसे वर्ष 2010 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के दौरान पश्चिमी देशों अमेरिका तथा इज़राइल द्वारा निर्मित वायरस माना जाता है, जिसका उद्देश्य ईरान के नैटान्ज़ परमाणु कार्यक्रम को बाधित और नष्ट करना था।