दिल्ली हाट की तर्ज पर बिहार के विभिन्न शहरों में हाट बनाए जाएंगे। ताकि स्थानीय बुनकरों और शिल्पकारों को मौका मिल सके। लोग उनके माध्यम से बनी वस्तुओं को देख और खरीद सकेंगे। बिहार के विभिन्न जिलों में खादी बोर्ड की जमीन है। उस जमीन पर इसे बनाने का फैसला लिया जा रहा है।
दरभंगा में छह एकड़ से अधिक भूमि है, जिस पर हाट बनाने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह बिहार के मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, अररिया और समस्तीपुर में भी निर्माण कार्य किया जाएगा। यदि हम एक मॉल से खरीदारी करते हैं, तो बुनकर और आजीविका सीधे इसका लाभ प्राप्त नहीं कर पाएंगे। लेकिन अगर खरीदारी खादी मॉल से की जाती है, तो इसका सीधा फायदा बुनकरों, शिल्पकारों और किसानों को होता है।
शाहनवाज हुसैन ने बिहार के 14 करोड़ लोगों से केवल खादी मॉल से खरीदारी करने की अपील की है। होली का त्योहार होली के लिए आयोजित किया जाएगा। जिसके तहत विशेष छूट दी जाएगी। ऐसा करने से कपड़ा सस्ते दामों पर लोगों को उपलब्ध होगा और जब इससे छोटे बुनकरों, आजीविका और किसानों को फायदा होगा। इसके साथ ही विभाग के माध्यम से लगातार कार्य किया जा रहा है। कोशिश यह है कि बिहार में जल्द से जल्द नए उद्योग स्थापित किए जाएं, ताकि लोगों को रोजगार मिले।