चुनाव को स्वच्छ और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव विभाग इस बार कई कदम उठा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में, इस बार भी ऐसे ही नियम और व्यवस्थाएँ होंगी जो पहली बार लागू होंगी। चुनाव आयोग ने यह प्रावधान लागू कर दिया है कि अब जिन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, यदि राजनीतिक दल उन्हें अपना उम्मीदवार बनाते हैं, तो उन्हें अखबारों में छपना होगा और उन्हें बताना होगा कि उन्होंने दागी उम्मीदवार को क्यों चुना है। चुनाव आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर सभी मान्यता प्राप्त दलों के लिए यह प्रावधान लागू किया है।
यह व्यवस्था बिहार विधानसभा चुनावों में पहली बार लागू की जाएगी जहां राजनीतिक दलों को दागी उम्मीदवारों को चुनने के लिए कारण देना होगा। बिहार चुनाव विभाग ने 150 पंजीकृत दलों को पत्र लिखा है जिनका मुख्यालय पटना में है। चुनाव विभाग ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगर इस चुनाव में ऐसे लोगों को अपना उम्मीदवार बनाया जाता है, जिन पर अपराध का मामला चल रहा है, तो उन्हें 48 घंटे के भीतर प्रारूप C7 के तहत अखबारों में इसकी रिपोर्ट देनी होगी।