बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर 9 अगस्त को ढाई करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। जिसे मिशन 2.51 करोड़ वृक्षारोपण का नाम दिया गया था। मिशन 2.51 करोड़ वृक्षारोपण के तहत लगाए गए 2.51 करोड़ पौधों में से, लगभग 78 लाख पौधे आम, अमरूद, जामुन, कटहल, आंवला, बेल जैसे फलदार पेड़ होंगे और बाकी में साग, महोगनी, शीशम, पीपल, बरगद जैसे पौधे होंगे। अभियान की सफलता के लिए सबसे बड़ी चुनौती गुणवत्ता वाले पौधों की आपूर्ति है। पौधों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए, न्यूनतम तीन फीट लंबाई के पौधे लगाने का निर्णय लिया गया है। 282 लाख वन विभाग की नर्सरियों से, 8.50 लाख कृषि महाविद्यालय, सबौर से, 25 लाख बागवानी निदेशालय, कृषि विभाग से और 126 लाख वन क्षेत्र अस्थाई नर्सरी से उपलब्ध कराए जाएंगे।
पौधे लगाने में जीविका और मनरेगा की मदद ली जाएगी
मिशन 2.51 करोड़ पौधारोपण के तहत 1.13 करोड़ पौधे मनरेगा और 66 लाख पौधे जीविका समूहों के माध्यम से लगाये जायेंगे. मनरेगा के तहत प्रत्येक वार्ड में 100 से 125 पौधे और प्रत्येक पंचायत में 13-14 सौ पौधे लगाये जायेंगे. जीविका समूहों द्वारा पौधारोपण का कार्य ग्राम संगठनों के माध्यम से सम्पन्न होगा और प्रत्येक जीविका दीदी अपने घर में फलदार वृक्ष का एक पौधा लगायेंगी. सड़कों और जल जीवन हरियाली अभियान के तहत उड़ाही कराये गये जल संरचनाओं के किनारे भी पौधे लगाये जायेंगे. इस अभियान में केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों, स्वयंसेवी संगठनों और विभिन्न धार्मिक संगठनों के अलावा सीआरपीएफ और एसएसबी अर्धसैनिक बलों की भी भागीदारी होगी. आमजन 10 रूपये प्रति पौधा की दर से क्रय कर व्यक्तिगत रूप से पौधारोपण कर सकते हैं.