हाल ही में ‘आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान’ से जुड़े कुछ शोधकर्त्ताओं ने एक अध्ययन के दौरान पाया कि ‘ब्रह्मपुत्र नदी घाटी’ (BRV) क्षेत्र में क्षोभमंडलीय ओज़ोन (Tropospheric Ozone) की सांद्रता देश में अन्य स्थानों की तुलना में कम है
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार, इस अध्ययन में पाया गया कि गुवाहाटी (असम) में ओज़ोन की सांद्रता देश के अन्य शहरी क्षेत्रों की तुलना में काफी कम है।
- यह शोध भारत सरकार के ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग’ के अधीन नैनीताल स्थित स्वायत्त अनुसंधान संस्थान ‘आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान’ ( ARIES) के शोधकर्त्ताओं द्वारा किया गया था।
- इस अध्ययन के दौरान शोधकर्त्ताओं ने ब्रह्मपुत्र नदी घाटी क्षेत्र में ओज़ोन और अन्य वायु प्रदूषक तत्त्वों की परिवर्तनशीलता का विश्लेषण किया।
- अध्ययन के दौरान ओज़ोन के उत्सर्जन स्रोत [विशेष रूप से मीथेन (CH4) और ‘गैर-मीथेन हाइड्रोकार्बन'(NMHCs)] की पहचान के लिये मौसमी/सामायिक और सप्ताह के दिनों के आधार पर ओज़ोन गुणों का अध्ययन किया गया।
- इस अध्ययन में ‘भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान-नई दिल्ली’, ‘यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड डेंटिस्ट्री-यूएसए’, ‘वाशिंगटन यूनिवर्सिटी-यूएसए’ से जुड़े कुछ प्रोफेसर तथा वैज्ञानिकों ने भी हिस्सा लिया।
- इस अध्ययन के दौरान क्षेत्र में नाइट्रिक ऑक्साइड ( NO), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) और ओज़ोन सांद्रता के परीक्षण में पाया गया कि यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर निकटवर्ती प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग से प्रभावित है।
- दिन के समय में यह क्षेत्र एक ‘फोटो-स्टेशनरी अवस्था’ में या उसके करीब रहता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि ओज़ोन सांद्रता पर जैविक प्रजातियों का प्रभाव कम ही होता है।
क्षोभमंडलीय ओज़ोन?
- ज़मीनी स्तर या वायुमंडल के निम्नतम स्तर में पाई जाने वाली क्षोभमंडलीय ओज़ोन को ‘बैड ओज़ोन’ (Bad Ozone) के नाम से भी जाना जाता है।
- क्षोभमंडलीय ओज़ोन का निर्माण नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (Volatile Organic Compounds- VOC) के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण होता है।
- क्षोभमंडलीय ओज़ोन की सांद्रता कई मानव जनित कारकों जैसे- वाहनों, विद्युत् संयंत्रों, औद्योगिक बॉयलरों, रिफाइनरियों, रासायनिक संयंत्रों और अन्य स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषक तत्त्व के सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्रिया करने से और अधिक बढ़ जाती है।
- वाहनों और कारखानों से उत्सर्जित होने वाले हानिकारक प्रदूषक तत्त्व क्षोभमंडलीय ओज़ोन की सांद्रता में वृद्धि का सबसे बड़ा कारण है, ऐसे में सरकार को परिवहन तथा औद्योगिक क्षेत्र के प्रदूषण को कम करने हेतु नवीन तकनीकों एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया जाना चाहिये।