भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित किया स्वदेशी ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ
वैज्ञानिकों ने एक किफायती ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ डिजाइन किया है, जो ब्रह्मांड में मौजूद दूरस्थ तारों और आकाशगंगा से आने वाले मंद प्रकाश के स्रोतों का पता लगा सकता है। इस ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अधीन स्वायत्त संस्थान आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (एआरआईईएस), नैनीताल में पूर्णतः स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। इससे पहले स्पेक्ट्रोग्राफ विदेश से आयात किए जाते थे, जिनकी लागत बहुत ज्यादा होती थी।
यह मेड इन इंडिया ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ आयातित ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ की तुलना में 2.5 गुना सस्ता है, और यह लगभग एक फोटॉन प्रति सेकंड की दर से प्रकाश के स्रोत का पता लगा सकता है। पृथ्वी के अलावा, किस ग्रह पर जीवन है, ब्रह्मांड में कितनी आकाशगंगाएं हैं, एलियन जैसे प्राणियों का क्या कोई अस्तित्व है, आदि प्रश्न अक्सर हमारे शोध का विषय होते हैं। इस प्रकार के शोध के लिए हमें कई प्रकार के यंत्रों की आवश्यकता होती है, जिसमें टेलीस्कोप, स्पेक्ट्रोग्राफ आदि शामिल हैं।
इस दिशा में भारतीय वैज्ञानिकों ने एक किफायती ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ डिजाइन किया है, जो ब्रह्मांड में मौजूद दूरस्थ तारों और आकाशगंगा से आने वाले मंद प्रकाश के स्रोतों का पता लगा सकता है। इस ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ उपकरण को एरीज-देवस्थल फैंट ऑब्जैक्ट स्पेक्ट्रोग्राफ ऐंड कैमरा (एडीएफओएससी) नाम दिया गया है। इस स्पेक्ट्रोस्कोप को उत्तराखंड में नैनीताल के पास 3.6-एम देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप (डीओटी) पर सफलतापूर्वक लगाया गया है।