संदर्भ – भारत एवं भूटान ने 600 मेगावाट क्षमता वाली खोलोंगछु जलविद्युत परियोजना हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर किये , भारत ने वर्ष 2008 में भूटान को वर्ष 2020 तक कुल 10,000 मेगावाट विद्युत क्षमता विकसित करने में सहायता का आश्वासन दिया था। भारत की इस प्रतिबद्धता के तहत भूटान में विकसित की जाने वाली चार परियोजनाओं में खोलोंगछु जलविद्युत परियोजना एक अहम परियोजना है।
प्रमुख बिन्दु –
- इसका निर्माण दोनों देशों के बीच 50:50 संयुक्त उद्यम भागीदारी के रूप में होगा ।
- इसे पूर्वी भूटान के त्राशियांगत्से (Trashiyangtse) ज़िले में खोलोंगछु नदी के निचले हिस्से पर स्थापित किया जायेगा।
- संयुक्त उद्यम साझेदारों में भारत का सतलुज जल विद्युत निगम और भूटान का ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन शामिल होंगे।
- संयुक्त उद्यम के सहयोगी इसे 30 वर्षों के लिये संचालित करेंगे , इसके बाद इस परियोजना का पूर्ण स्वामित्व भूटान सरकार को हस्तांतरित कर दिया जाएगा ।
अब तक, भारत सरकार ने भूटान में 1416 मेगावाट की कुल तीन पनबिजली परियोजनाओं का निर्माण किया है – 336 मेगावाट चुखा परियोजना, 60 मेगावाट कुरीछु परियोजना और 1020 मेगावाट ताल परियोजना । संचालन और निर्यात कर रहे हैं। भारत ने हाल ही में 720 मेगावाट की मंगदेछु पनबिजली परियोजना पूरी की है और दोनों पक्ष 1200 मेगावाट की पुनात्सांगछु -1 और 1020 मेगावाट की पुनात्संग्छु -2 (पुणतांगछु -2) सहित अन्य परियोजनाओं को पूरा कर रहे हैं।
BIMSTEC का सदस्य होने के नाते, भूटान भारत के लिए भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण है। भारत दोनों देशों के बीच इस तरह की विकास परियोजनाओं के संदर्भ में समर्थन और अपनी एक्ट ईस्ट-लुक ईस्ट नीति को प्रभावी बना सकता है।