ख़बरों में क्यों :
मलेरिया उन्मूलन में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बिहार को सम्मानित किया है। वर्ष 2015 से 21 के बीच मलेरिया की निर्धारित श्रेणी दो से एक में पहुंचने के लिए राज्य को यह सम्मान दिया गया। यह सम्मान 25 अप्रैल यानी विश्व मलेरिया दिवस पर दिया गया ।
प्रमुख बिंदु :
- किसी राज्य में मलेरिया के प्रभाव को दर्शाने के लिए इसे चार श्रेणी में 3, 2, 1 एवं 0 में वर्गीकृत किया गया है। प्रति 1000 की आबादी पर मलेरिया के एक से कम मामले मिलने पर इसे श्रेणी-1 में शामिल किया जाता है।
- अब विभाग का सम्पूर्ण प्रयास बिहार को श्रेणी 1 से निकालकर 0 की श्रेणी में पहुंचाने का है। यानी बिहार से मलेरिया का उन्मूलन करना है।
- राज्य में वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2021 में 84 प्रतिशत मलेरिया के केस में कमी दर्ज हुई है।
- वर्ष 2021 में राज्य के 38 जिलों में से छह जिले ऐसे थे, जहां एक भी मलेरिया पीड़ित नहीं मिला। इसमें भोजपुर, दरभंगा, किशनगंज, मधेपुरा, शेखपुरा और सीवान जिला शामिल है।