केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने 11 अप्रैल को महिला सशक्तिकरण के लिए विजेताओं को ‘AICTE लीलावती पुरस्कार 2020’ दिया।
‘महिला सशक्तिकरण’ थीम पर आधारित, AICTE ने कुल 456 प्रविष्टियों में से विजेताओं का चयन किया, जिन्होंने 6 उप-विषयों में भाग लिया, जिनमें महिला स्वास्थ्य, आत्मरक्षा, स्वच्छता, साक्षरता, महिला उद्यमिता और कानूनी जागरूकता शामिल हैं।
मुख्य पुरस्कार विजेता
तमिलनाडु के सोना कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से SWEAT (सोना महिला उद्यमिता और प्रशिक्षण) ने ‘महिला उद्यमिता’ उप-विषय में प्रतियोगिता जीती।
भारतीय विद्यापीठ ने ‘डिजिटल साक्षरता’ विषय के तहत प्रतियोगिता जीती।
इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट पुणे ने ‘साक्षरता’ उप-विषय के तहत यह पुरस्कार जीता।
AICTE लीलावती पुरस्कार: एक विजन
लीलावती पुरस्कार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) की एक पहल है, जिसका उद्देश्य AICTE के अनुमोदित संस्थानों द्वारा महिलाओं के बीच ‘समानता और निष्पक्षता’ को बढ़ावा देने हेतु किये जा रहे प्रयासों को मान्यता प्रदान करना है। इस पुरस्कार का विषय ‘महिला सशक्तीकरण’ है और इसका लक्ष्य स्वच्छता, स्वास्थ्य और पोषण जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिये ‘पारंपरिक भारतीय मूल्यों’ का उपयोग करना है। इस पुरस्कार के माध्यम से AICTE साक्षरता, रोज़गार, प्रौद्योगिकी, ऋण, विपणन, नवाचार, कौशल विकास, प्राकृतिक संसाधन और महिलाओं के अधिकार जैसे मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास कर करता है। प्रत्येक उप-श्रेणी में, शीर्ष तीन विजेताओं को प्रमाण पत्र के साथ-साथ पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा। प्रथम पुरस्कार विजेता को 1 लाख रुपए, दूसरे विजेता को 75,000 रुपए और तीसरे विजेता को 50,000 रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इस पुरस्कार का नाम 12वीं शताब्दी में भारतीय गणितज्ञ भास्कर II द्वारा रचित पुस्तक ‘लीलावती’ के नाम पर रखा गया है। लीलावती भारतीय गणितज्ञ भास्कर II की बेटी का नाम था।