2 सितंबर, 2020 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “मिशन कर्मयोगी” राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम ( NPCSCB) को शुरू करने की मंज़ूरी प्रदान की है।भारतीय सिविल सेवकों को और भी अधिक रचनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिये तैयार करना है।
उद्देश्य:- कार्य संस्कृति में परिवर्तन को व्यवस्थित रूप से जोड़कर, सार्वजनिक संस्थानों का सुदृढ़ीकरण कर और सिविल सेवा क्षमता के निर्माण के लिये आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाकर सिविल सेवा क्षमता में रूपांतरणकारी बदलाव करना ताकि नागरिकों को प्रभावकारी रूप से सेवाएँ मुहैया कराना सुनिश्चित किया जा सके।
- इस कार्यक्रम को एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण-आईगॉट कर्मयोगी प्लेटफार्म की स्थापना करके कार्यान्वित किया जाएगा।(iGOT-Karmayogi) इस प्लेटफॉर्म सावधानीपूर्वक व्यवस्थित और पुनरीक्षित डिजिटल ई–लर्निंग सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।क्षमता विकास के अलावा, सेवा मामलों जैसे कि स्थायीकरण, तैनाती, कार्य निर्धारण और रिक्तियों की अधिसूचना इत्यादि को अंतत: प्रस्तावित दक्षता या योग्यता संरचना के साथ एकीकृत कर दिया जाएगा
- ‘नियम आधारित’ मानव संसाधन प्रबंधन से ‘भूमिका आधारित’ प्रबंधन के परिवर्तन को सहयोग प्रदान करना।
- ‘ऑफ साइट सीखने की पद्धति’ को बेहतर बनाते हुए ‘ऑन साइट सीखने की पद्धति’ पर बल देना।
- सिविल सेवा से संबंधित सभी पदों को भूमिकाओं, गतिविधियों तथा दक्षता के ढाँचे संबंधी दृष्टिकोण के साथ अद्यतन करना
- सभी सिविल सेवकों को आत्म-प्रेरित एवं अधिदेशित सीखने की प्रक्रिया पद्धति में अपनी व्यवहारात्मक, कार्यात्मक और कार्यक्षेत्र से संबंधित दक्षताओं को निरंतर विकसित एवं सुदृढ़ करने का अवसर उपलब्ध कराना।
- प्रत्येक कर्मचारी के लिये वार्षिक वित्तीय अंशदान के माध्यम से सीखने की प्रक्रिया के साझा एवं एक समान परिवेश तंत्र के सृजन और साझाकरण के लिये अपने-अपने संसाधनों को सीधे तौर पर निवेश करने हेतु सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों तथा उनके संगठनों को समर्थ बनाना।
- सार्वजनिक प्रशिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, स्टार्ट-अप और एकल विशेषज्ञों सहित सीखने की प्रक्रिया संबंधी सर्वोत्तम विषय-वस्तु् के निर्माताओं को प्रोत्साहित करना और साझेदारी करना।
राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (NPCSCB) को निम्नलिखित संस्थागत ढाँचे के साथ शुरू किया जाएगा: प्रधानमंत्री की सार्वजनिक मानव संसाधन परिषद; क्षमता विकास आयोग; डिजिटल परिसंपत्तियों के स्वामित्व तथा प्रचालन, ऑनलाइन प्रशिक्षण हेतु एक प्रौद्योगिकीय प्लेटफार्म-विशेष प्रयोजन कंपनी; कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समन्वय इकाई. लगभग 46 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को शामिल करने के लिये वर्ष 2020-2021 से लेकर 2024-25 तक (5 वर्षों की अवधि के दौरान) 510.86 करोड़ रुपए का व्यय किया जाएगा