राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जनवरी माह की रैंकिंग में जहानाबाद के अपर समाहर्ता को मिला पहला स्थान
राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने अतिरिक्त समाहर्ताओं और भूमि सुधार उप समाहर्ताओं की जनवरी रैंकिंग जारी की है। नवीनतम रैंकिंग के अनुसार, अपर समाहर्ता जहानाबाद सभी 38 जिलों में सर्वोच्च अंकों के साथ प्रथम स्थान पर रहा। वह दूसरे स्थान पर नवादा के अपर समाहर्ता थे। पिछले महीने की तुलना में उनकी रैंकिंग में बहुत सुधार हुआ है।
समस्तीपुर के अपर समाहर्ता इस महीने तीसरे स्थान पर पहुंच गए। सहरसा एकमात्र ऐसा जिला था जिसे पीओपी प्रतिशताइल में शून्य प्रतिशत अंक मिले थे और इस स्थान का अपर समाहर्ता सबसे नीचे था। पिछले महीने उनकी रैंकिंग 37 वें स्थान पर थी। मधेपुरा और सुपौल जिले को क्रमशः 37 वें और 36 वें स्थान पर रखा गया है।
बिहार के सभी अतिरिक्त कलेक्टर, जो जिले में राजस्व के प्रभारी हैं, का मूल्यांकन विभाग द्वारा 8 उद्देश्य मानदंडों पर किया जाता है और उनकी मासिक रैंकिंग तैयार की जाती है। इसमें अधिकतम 40 अंक उनके अधीनस्थ जोनल अधिकारियों और भूमि उप-संग्राहकों द्वारा किए गए दाखिलों और निरस्तीकरण कार्यों और राजस्व कार्यालयों के निरीक्षण पर 15 अंक एवं जमाबंदी और अद्यतीकरण व परिमार्जन के लिए 10-10 अंक निर्धारित किए गए हैं, जबकि राजस्व कार्यालयों, भूमि के किराए और अतिक्रमण और अद्यतन के निरीक्षण पर 15 अंक निर्धारित है। अभियान बसेरा/लोक भूमि अतिक्रमण/जल निकाय अतिक्रमण के लिए 5-5 अंक यानी कुल 100 अंक निर्धारित किया गया है।
इसी तरह बिहार के सभी 101 अनुमंडलों में पदस्थापित भूमि सुधार उप समाहर्ताओं की मासिक रैंकिंग भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा तैयार की जाती है। जनवरी की रैंकिंग में सारण जिले के सोनपुर अनुमंडल को पहला स्थान मिला। पिछले माह इनकी रैंकिंग 11 थी। इसी तरह सुपौल जिले के निर्मली के भूमि सुधार उप समाहर्ता को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। पिछले माह इसकी रैंकिंग 24 थी। पटना सदर जिसकी रैंकिंग पिछले महीने 64 थी, इस बार तीसरे स्थान पर है।