ख़बरों में क्यों?
पूर्वोत्तर भारत की इकलौती अत्याधुनिक नालंदा डेयरी सीएएस (कंफर्मिटी एसेसमेंट स्कीम) मार्क पाने वाली देश की पहली डेयरी बन गयी है।
प्रमुख बिंदु
- मार्क लेने के लिए इसे भारतीय मानक ब्यूरो व नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की सख्त ऑडिट से होकर गुजरना पड़ा। इस मामले में पटना ही नहीं, आनंद (गुजरात) की अमूल डेयरी भी पिछड़ गयी।
- दूध की गुणवत्ता में अव्वल आने पर ही भारत सरकार ने यह मार्क दिया है।
- दूध अथवा दूध उत्पाद की अंतरराज्यीय अथवा वैश्विक बाजार में मार्केटिंग करने के लिए दिसंबर 2021 से यह मार्क लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके पहले डेयरियों को दो स्थानों बीआईएस (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) से आईएसआई तो एनडीडीबी (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड) से गुणवत्ता प्रमाणपत्र लेने पड़ते थे। लेकिन, अब इन दोनों को मिलाकर कंफर्मिटी एसेसमेंट स्कीम (अनुरूपता आकलन योजना) लाई गई है।
- बिहार के लिए नालंदा डेयरी ‘मदर डेयरी के रूप में काम कर रही है। यानि, यह किसानों से सीधे दूध नहीं खरीदती। बल्कि, अन्य डेयरियों के सरप्लस मिल्क की प्रोसेसिंग और उन डेयरियों में दूध की कमी होने पर पाउडर से बनाकर दुग्ध की आपूर्ति करना इसका मुख्य काम है।