ख़बरों में क्यों?
बिहार सरकार द्वारा चामर ग्राहिणी यक्षिणी के सम्मान में यक्षिणी की प्राप्ति तिथि 18 अक्टूबर को हर साल ‘बिहार कला दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु
- पटना के दीदारगंज में गंगा तट पर 18 अक्टूबर 1917 को चामर ग्राहिणी यक्षिणी की अद्भुत मूर्ति मिली थी।
- कैसी है दीदारगंजी से मिली यक्षिणी की मूर्ति
- ऊंचाई-5 फीट 2 इंच
- किस पत्थर से बनी-बलुआ पत्थर
- जिस चौकी पर बैठी-1 फीट 7.5 इंच
- पॉलिश-चमकदार
- खोज-1917 (इसी साल पटना संग्रहालय की स्थापना हुई थी)
- यक्षिणी की मूर्ति प्राचीन भारत के स्त्री सौंदर्य के आदर्श मानकों को प्रतिबिंबित करती है।
- यक्षिणी की मूर्ति किस काल में बनी, इस पर विवाद है। लेकिन जैसा शिल्प और जैसी पॉलिस इस मूर्ति पर की गयी है, उससे लगता है कि यह मौर्य काल में बनायी गयी होगी।