ख़बरों में क्यों ?
हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में महत्त्वाकांक्षी ‘गंगाजल आपूर्तियोजना’ का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- ‘जल-जीवन-हरियाली’के तहत गंगा नदी के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के जल संकट वाले शहरों तक ले जाकर पेयजल के रूप में उपयोग करने की यह मुख्यमंत्री की अनूठी परिकल्पना है। उनकी अध्यक्षता में दिसंबर 2019 में गया में हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में अतिमहत्त्वाकांक्षी ‘गंगा जल आपूर्तियोजना’को मंज़ूरी दी गई
- गंगा जल को 11 शक्तीशाली पंप के ज़रिये हाथीदह से राजगीर, गया, बोधगया और नवादा पहुँचाया गया है। राजगीर में इसके लिये डिटेंशन सेंटर बनाया गया है।
- गंगा जल पाइपलाइन के ज़रिये 151 किमी. सफर तय करके राजगीर, गया और बोधगया के जलाशयों में पहुँचा है, जहाँ से यह शोधित होकर शुद्ध पेयजल के रूप में रोज लाखों लोगों तक पहुचेगा
- इस योजना के तहत राजगीर शहर के 19 वार्डों के करीब 8031 घरों, गया शहर के 53 वार्डों के करीब 75000 घरों और बोधगया शहर के 19 वार्डों के करीब 6000 घरों में शुद्ध पेयजल के रूप में गंगाजल की आपूर्ति की जाएगी। योजना के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध जल की आपूर्ति का लक्ष्य है।