निर्वाचन आयोग ने कहा है कि आयोग I.N.D.I.A. गठबंधन के नाम पर रोक नहीं लगा सकता है। आयोग की ओर से दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि आयोग किसी राजनीतिक गठबंधन को र्निदेशित नहीं कर सकता है। हलफनामे में ये भी कहा गया है कि जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत चुनाव आयोग को रेगुलेटरी संस्था के रूप में मान्यता नहीं मिली है।
गौरतलब है कि विपक्षी गठबंधन के इंडिया नाम रखने के विरूद्ध दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल कर रोक लगाने की मांग की गयी थी।
निर्वाचन आयोग ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि उसके पास ‘राजनीतिक गठबंधनों’ को विनियमित करने का कोई कानूनी प्राधिकार नहीं है।
छब्बीस राजनीतिक दलों ने मिलकर ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) का गठन किया है।
निर्वाचन आयोग ने इस मामले में दायर अपने जवाब में कहा कि उसके पास चुनाव कराने और राजनीतिक दल के रूप में संगठनों को पंजीकृत करने की शक्ति है, लेकिन ‘राजनीतिक गठबंधनों’ को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत ‘विनियमित इकाइयों’ के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है।
आयोग ने स्पष्ट किया कि उसका उत्तर उसकी भूमिका तक ही सीमित है और इसे संक्षिप्त नाम ‘इंडिया’ के उपयोग की कानूनी वैधता पर उसकी ‘अभिव्यक्ति’ के रूप में नहीं माना जा सकता ।
हलफनामे में कहा गया, ‘संसद, राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिये कराए जाने वाले सभी चुनावों के निरीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत प्रतिवादी (ईसी) का गठन किया गया है।’
आयोग ने कहा, ‘‘उत्तर देने वाले प्रतिवादी को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 ए के संदर्भ में किसी राजनीतिक दल के निकायों या व्यक्तियों के संघ को पंजीकृत करने का अधिकार दिया गया है। विशेष रूप से राजनीतिक गठबंधनों को विनियमित इकाइयों के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है।’’