पोचुरी नागा जनजाति की बस्‍ती मेलुरी बनी नागालैंड का 17वां जिला

नागालैंड सरकार ने हाल ही में मेलुरी उप-मंडल को आधिकारिक तौर पर राज्य का 17वां जिला घोषित किया है। यह उप-मंडल पहले फेक जिले का हिस्सा था। 2 नवंबर को नागालैंड के मुख्य सचिव डॉ. जे. आलम ने इस फैसले को लागू करने की अधिसूचना जारी की। इस निर्णय का उद्देश्य इस क्षेत्र में प्रशासनिक सुगमता, विकास और विभिन्न सरकारी सेवाओं को स्थानीय स्तर पर सुलभ बनाना है।

मेलुरी का महत्त्व

मेलुरी नागालैंड में पोचुरी नागा जनजाति की प्रमुख बस्ती है। इस क्षेत्र का जनजातीय, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है, और यह स्थान पोचुरी जनजाति के सांस्कृतिक जीवन का केंद्र माना जाता है। मेलुरी की भौगोलिक स्थिति भी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह स्थान म्यांमार की सीमा के करीब स्थित है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक खास जगह बनाता है।

जिला घोषित होने के फायदे

  1. प्रशासनिक सुगमता: मेलुरी के जिला बनने से अब स्थानीय प्रशासनिक कार्यों के लिए फेक जिले तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे स्थानीय लोगों को सरकारी सेवाएं प्राप्त करने में आसानी होगी।
  2. विकास कार्यों में तेजी: एक स्वतंत्र जिला बनने से क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए बजट आवंटन और योजनाओं के कार्यान्वयन में गति आएगी। स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क निर्माण, और जल आपूर्ति जैसी आधारभूत सेवाओं में सुधार की संभावना है।
  3. जनजातीय पहचान का संरक्षण: पोचुरी नागा जनजाति की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को बढ़ावा देने में यह निर्णय सहायक होगा। स्वतंत्र जिला बनने से स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में सहायता मिलेगी।
  4. सुरक्षा और सीमा प्रबंधन: म्यांमार सीमा के पास स्थित होने के कारण इस क्षेत्र की सुरक्षा और सीमा प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

यह निर्णय नागालैंड के विकास और स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

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