नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने ओडिशा में कोणार्क सूर्य मंदिर और कोणार्क शहर के शत प्रतिशत सोलराइजेशन का दायित्व ग्रहण किया है। कोणार्क शहर में ऐतिहासिक सूर्य मंदिर को विकसित करने के लिए यह योजना शुरू की गई है।
भारत सरकार ने ऊर्जा के आधुनिक उपयोग तथा प्राचीन सूर्य मंदिर के बीच तालमेल के संदेश को प्रकट करने तथा सौर ऊर्जा के महत्व को प्रोत्साहन देने के लिए ओडिशा में ऐतिहासिक कोणार्क सूर्य मंदिर को ‘सूर्य नगरी’ के रूप में विकसित करने के प्रधानमंत्री के विजन को आगे ले जाने के उद्देश्य के साथ इस योजना का शुभारंभ किया है।
इस योजना में 10 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड सौर परियोजना स्थापित की जाएगी। यह बैटरी भंडारण के साथ सौर पेयजल कियोस्क, सोलर ट्री और ऑफ ग्रिड सौर ऊर्जा संयंत्रों जैसे अनुप्रयोगों को भी लॉन्च करेगा।
इस परियोजना को ओडिशा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा कार्यान्वित किया जाना है। इस योजना का कार्यान्वयन ओडिशा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (ओआरईडीए)द्वारा किया जाएगा। यह योजना सौर ऊर्जा के साथ कोणार्क शहर की ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा करेगी।
कोणार्क सूर्य मंदिर
कोणार्क सूर्य मंदिर एक विश्व धरोहर स्मारक है। इसे 13वीं शताब्दी में बनाया गया था । इसे राजा नरसिम्हदेव प्रथम ने बनवाया था। इसे 1984 में यूनेस्को की विश्व धरोहर घोषित किया गया था। इस मंदिर को काला पैगोडा भी कहा जाता है।