भारतीय मूल के प्रख्यात अमेरिकी कृषि मृदा वैज्ञानिक डॉ। रतन लाल को ‘विश्व खाद्य पुरस्कार 2020’ से सम्मानित किया गया है, जिन्हें कृषि का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। पुरस्कार की घोषणा वाशिंगटन स्थित विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन के अध्यक्ष बारबरा स्टिन्सन ने की थी।
डॉ। लाल का जन्म 1944 में पश्चिम पंजाब के करयाल में हुआ था। वह पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के छात्र भी रहे हैं और संस्थान से विश्व खाद्य पुरस्कार जीतने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। लाल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय से की और दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से एमएससी किया।
डॉक्टर लाल ने मिट्टी की गुणवत्ता को बचाए रखने की नवीन तकनीकों को बढ़ावा देकर 50 करोड़ से अधिक छोटे किसानों की आजीविका को लाभ पहुंचाया है, दो अरब से ज्यादा लोगों की खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में सुधार किया है और करोड़ों हेक्टेयर प्राकृतिक उष्णकटिबंधीय पारिस्थितिकी तंत्रों को संरक्षित किया है।
विश्व खाद्य पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1986 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नॉर्मन बोरलॉग द्वारा की गई थी। विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन, डेस मोइनेस, आयोवा, यूएसए में स्थित है और इस पुरस्कार के पहले विजेता भारत के हरित क्रांति के जनक डॉ. एमएस स्वामीनाथन हैं, जिन्हें 1987 में सम्मानित किया गया था। इसमे 2,50,000 अमेरिकी डॉलर की राशि से सम्मानित किया जाता है।