नीति आयोग ने डिजिटल रूप से आयोजित संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच (HLPF) पर दूसरा स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR) जारी किया है।मुख्य बिंदु:
1.भारत के अलावा बांग्लादेश, जॉर्जिया, केन्या, मोरक्को, नेपाल, नाइजर, नाइजीरिया और युगांडा जैसे अन्य देशों ने भी अपनी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा प्रस्तुत की थी।
2.इस प्रस्तुति में भारत की दूसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा की तैयारी के प्रक्रियात्मक पहलुओं को समझाते हुए एक लघु फिल्म भी शामिल थी और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कुछ क्षेत्रों में भारत की प्रमुख प्रगति के बारे में भी बताया गया ।
3.नीति आयोग द्वारा प्रस्तुत दूसरे VNR के अनुसार भारत विश्व की आबादी का छठा हिस्सा जाता है, जो भारत 2030 के एजेंडे की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
4.नीति आयोग की समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करना चाहता है तो उसे अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अतिरिक्त 6.2 प्रतिशत खर्च करने की जरूरत है और भारत को भी अपनी सांख्यिकीय प्रणाली को अपग्रेड करने, निगरानी तंत्र में सुधार करने और सभी हितधारकों को अधिक दक्ष बनाने की दिशा में काम करना होगा।
5.इसके अलावा यह सुनिश्चित करना भी बहुत जरूरी है कि बजट आवंटन एसडीजी प्राथमिकताओं के अनुरूप हो ।
स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा –
यह समीक्षा स्वैच्छिक है और सदस्य देशों द्वारा स्वयं की जाती है । इसका उद्देश्य इस संबंध में प्राप्त सभी अनुभवों को साझा करना है, जिसमें कार्यसूची को लागू करने में प्राप्त सफलताओं और चुनौतियों को शामिल किया गया है ।किसी देश द्वारा वीएनआर तैयार करने की प्रक्रिया विभिन्न हितधारकों की भागीदारी सहित संबंधित विभिन्न हितधारकों के लिए एक मंच प्रदान करती है।
नीति आयोग ने वर्ष 2017 में भारत का पहला स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा तैयार किया था
उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ):
यह 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में प्रगति की स्थिरता और समीक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच है ।संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के तत्वावधान में संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच जुलाई माह में आठ दिनों के लिए वार्षिक बैठक आयोजित करता है।यह मंच सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और सिफारिशें प्रदान करता है ।
सतत विकास (धरणीय विकास) – आने वाली पीढ़ी की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान पीढ़ी की जरूरतों को पूरा करना।
सतत विकास लक्ष्य?- 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70 वीं बैठक के दौरान अगले 15 वर्षों 2030 तक क लिए सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) तय किए गए ।
इससे पहले मिलेनियम डेवलपमेंट लक्ष्य- एमडीजी की योजना 2000 से 2015 की अवधि के लिए बनाई गई थी, जो 2015 में पूरी हो चुकी थी।
सतत विकास लक्ष्य का उद्देश्य सभी के लिए एक समान, न्यायसंगत, सुरक्षित, शांतिपूर्ण, समृद्ध और रहने योग्य दुनिया तैयार करना और विकास के तीनों पहलुओं अर्थात् सामाजिक समावेशन, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को व्यापक रूप से शामिल करना है ।