जून 2020 मे लगातार चौथे महीने , आठ कोर उद्योगों (कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली) का उत्पादन 15 प्रतिशत कम हो गया है।
इन क्षेत्रों में उत्पादन वृद्धि अप्रैल-जून 2020 की अवधि में 24.6 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि यानी अप्रैल-जून 2019 की सकारात्मक उत्पादन वृद्धि दर 3.4 प्रतिशत थी।
मई 2020 तक उद्योगों के उत्पादन में 22 प्रतिशत की कमी देखी गई है। हालांकि, जून 2020 में यह संकुचन 15 प्रतिशत था, जो कुछ आर्थिक सुधार का संकेत था।
क्षेत्रवार प्रदर्शन
उर्वरक उद्योग अकेले एक ऐसा उद्योग है जिसने जून 2019 की तुलना में जून 2020 में 4.2 प्रतिशत की वास्तविक वृद्धि दर्ज की है।यह कृषि क्षेत्र में एक सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाता है जिसमें सामान्य मानसून में खरीफ की अच्छी फसल की उम्मीद की जा सकती है।
अन्य सभी सात सेक्टर कोयला , कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस , रिफाइनरी उत्पाद , स्टील, सीमेंट , बिजली में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।
इस्पात उद्योग उत्पादन क्षेत्र में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला रहा है। इस्पात उद्योग के उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक:
इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स -IIP अर्थव्यवस्था के विभिन्न उद्योग समूहों में एक निश्चित समय अवधि में वृद्धि दर को दर्शाता है।यह राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय-NSO , सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मासिक आधार पर संकलित किया जाता है।
IIP में शामिल आठ कोर उद्योग क्षेत्रों की वस्तुएँ अपने कुल भार का लगभग 40 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करती हैं।IIP के मूल्यांकन के लिए आधार वर्ष 2011-2012 है।
घटते भार के क्रम में आठ प्रमुख उद्योग: रिफाइनरी उत्पाद> बिजली> इस्पात> कोयला> कच्चा तेल> प्राकृतिक गैस> सीमेंट> उर्वरक।
इसका इस्तेमाल वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा नीति-निर्माण के लिए किया जाता है।त्रैमासिक और अग्रिम जीडीपी अनुमानों की गणना के लिए आईआईपी बेहद प्रासंगिक है।