हाल ही में नेशनल काउंसिल फॉर ट्रांसजेंडर पर्सन्स का गठन ‘सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय’ (सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय) द्वारा एक अधिसूचना के माध्यम से किया गया ।एनसीटी का गठन ‘ट्रांसजेंडर पर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) एक्ट’ 2019 के तहत किया गया है।
2014 में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ ने सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रांसजेंडर लोगों को ‘तीसरे लिंग’ (तीसरे लिंग) के रूप में मान्यता दी।2014 में, एक निजी सदस्य विधेयक, राज्यसभा में ‘ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों का विधेयक’ पेश किया गया था।
वर्ष 2019 में संसद में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक पारित किया गया था
परिषद के उदेश्य:
- राज्यों के साथ मिलकर सभी राज्यों में ‘ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड’ की स्थापना
- ट्रांसजेंडर समुदाय से जुड़ी विशेष आवश्यकताओं को पूरा करना।
परिषद के कार्य:
- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के संबंध में नीतियों, कार्यक्रमों, कानून और परियोजनाओं के निर्माण पर केंद्र सरकार को सलाह देना;
- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समान अधिकार प्रदान करने और पूर्ण भागीदारी प्राप्त करने की दिशा में निर्मित नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभावशीलता की निगरानी और मूल्यांकन करना;
- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण की दिशा में कार्य करने वाले संबंधित सरकारी विभागों तथा अन्य गैर-सरकारी संगठनों की गतिविधियों की समीक्षा और समन्वय करना;
- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की शिकायतों का निवारण करना;
- केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किये गए अन्य कार्य करना।