समुद्र तट एवं तट रेखाएँ
भूमि और समुद्र के मिलन रेखा को तट रेखा कहा जाता है। उत्पत्ति के आधार पर दो प्रकार के समुद्र तट हैं।
उन्मग्न तट रेखाएँ
जब समुद्र तट के तल में परिवर्तन होता है या जब भूगर्भीय हलचलों के कारण समुद्र तलहटी पानी से बाहर निकलता है, तो इससे एक उन्मग्न तट रेखा बनता है। भारत का चेन्नई तट और अमेरिका का अटलांटिक महासागर तट उन्मग्न तट के सबसे अच्छे उदाहरण हैं।
निमग्न तट रेखाएँ
जब तटीय भूमि के समीप का क्षेत्र जलमग्न हो जाता निमग्न तट रेखाओ (submerged constline) का निर्माण होता है। निमग्न तटों को उनके रूप, आकार और बनावट के संदर्भ में निम्नलिखित भागों में विभाजित किया गया है।
1.फियोर्ड तट
Fiord तट का निर्माण भूमि के निमज्जन (Immersion) से नहीं बल्कि बर्फ के पिघलने के बाद हिमानी घाटी के धीरे-धीरे डूबने से होता है। Fiord तट बहुत कटा – फटा होता है। इस तरह के समुद्र तट सुरक्षित और सुंदर बंदरगाह प्रदान करते हैं। नॉर्वे, स्कॉटलैंड, चिली, ग्रीनलैंड आदि देशों का समुद्र तट इसी के समान है।
2.रिया तट
रिया तट का निर्माण नदी की घाटियों का समुद्र में डूब जाने से होता है। इस कारण से, गहरी और चौड़ी घाटियाँ और विशाल कगारें (clif) इन तटों पर पाई जाती हैं। बाल्टिक सागर, उत्तर-पश्चिमी स्पेन और दक्षिण-पश्चिम आयरलैंड के तट ऐसी ही तट हैं।
3.डाल्मेशियन तट
डाल्मेशियन तट जलमग्न पर्वत श्रृंखलाओं के कारण बनता है। ये समुद्र तट आमतौर पर सपाट होते हैं। सर्बिया और मोंटेनेग्रो, दक्षिणी स्पेन और इटली के तट इसी प्रकार के है।
4.हैक तट
कई जगहों पर तट के समानांतर सैकड़ों रेत की पट्टियां फैली हुई हैं। उथली लैगून झील इन रेत स्ट्रिप्स के बीच पाई जाती है, जिन्हें जर्मनी में हैक कहा जाता है।