विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 मंगलवार को पास हो गया.
विरोध क्यों
नीतीश सरकार इस विधेयक के ज़रिए बिहार में सीआईएसएफ की तर्ज़ पर नए पुलिस बल का गठन करना चाह रही है. इस विधेयक में पुलिस बल के पास बिना वारंट तलाशी और गिरफ्तार कर लेने की शक्ति होगी. गिरफ्तारी के बाद की जाने वाली प्रक्रिया में पुलिस के पास कुछ अधिकार होंगे. जघन्य अपराधों में दंड देने की प्रक्रिया बनाई गई है. कोर्ट की ओर से अपराध का संज्ञान लेने की प्रक्रिया की व्याख्या की गई है. बिहार का यह बिल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर होगा जो बिहार में स्थित औद्योगिक इकाइयों, मेट्रो, एयरपोर्ट जैसी इकाइयों की सुरक्षा करेगा . ये केवल औद्योगिक इकाइयों के लिए है होगा. समान्य पुलिस को ये अधिकार नही होंगे लेकिन विपक्ष इसे काला कानून बताकर हंगामा कर रहा है.
बिहार पुलिस आयोग की रिपोर्ट
बिहार की सीमाएं 3 राज्यों के साथ लगती हैं. साथ ही नेपाल के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा भी जुड़ी हुई है. सरकार की तरफ से बताया गया कि बिहार की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित, कुशल प्रशिक्षित और पूर्णता सुसज्जित सशस्त्र पुलिस बल की बेहद जरूरत है. बिहार पुलिस आयोग ने भी 23 मार्च 1961 को अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि बिहार सैन्य पुलिस को बंगाल पुलिस अधिनियम 1892 में अपेक्षित संशोधन कर बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के रूप में पुर्ननामांकित किया जा सकता है.