प्रसिद्ध मराठी लेखक डॉ. शरणकुमार लिम्बाले (Dr Sharankumar Limbale) को उनकी पुस्तक ‘सनातन’ के लिए वर्ष 2020 का सरस्वती सम्मान (पुरस्कार का 30 वां संस्करण) के लिए चुना गया था।
डॉ. लिम्बले की ‘सनातन’ पुस्तक 2018 में प्रकाशित हुई थी। यह पुस्तक दलित संघर्ष का एक महत्वपूर्ण सामाजिक और ऐतिहासिक दस्तावेज है।
वर्ष 1991 में स्थापित सरस्वती सम्मान हर साल संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित किसी भी भारतीय भाषा में लिखे गए उत्कृष्ट साहित्य को दिया जाता है, जो 10 वर्षों के दौरान किसी भारतीय नागरिक द्वारा प्रकाशित किया गया हो
यह केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा प्रतिवर्ष सम्मानित की जाने वाली एक प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार है।
पुरस्कार में पंद्रह लाख रुपये, एक प्रशस्ति पत्र और एक पट्टिका प्रदान की जाती है।
सरस्वती सम्मान को देश में सबसे प्रतिष्ठित और सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार के रूप में मान्यता प्राप्त है।