अप्रैल 2021 में, भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) ने तनावग्रस्त ऋण समाधान में एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (ARCs) की भूमिका का मूल्यांकन करने और उनके व्यवसाय मॉडल की समीक्षा करने के लिए एक 6 सदस्य समिति का गठन किया। इस समिति की अध्यक्षता RBI के पूर्व कार्यकारी निदेशक सुदर्शन सेन करेंगे।
समिति के सदस्य: विशाखा मुल्ये- कार्यकारी निदेशक, ICICI बैंक , PN प्रसाद- भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व उप प्रबंध निदेशक, रोहित प्रसाद- अर्थशास्त्र के प्रोफेसर, प्रबंधन विकास संस्थान, गुरुग्राम , अबीज़ेर दीवानजी – पार्टनर, अर्नस्ट और यंग और,R आनंद – चार्टर्ड अकाउंटेंट।
समिति के कार्य: समिति ARC के मौजूदा कानूनी और नियामक ढांचे की समीक्षा करेगी और उनकी दक्षता में सुधार के उपायों की सिफारिश करेगी। इसके अलावा यह इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) सहित, स्ट्रेस्ड एसेट्स के रिज़ॉल्यूशन में उनके बिजनेस मॉडल और भूमिका की समीक्षा करेगा। समिति को अपनी पहली बैठक के बाद 3 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी है।
एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (ARC)
यह एक वित्तीय संस्थान (FI) है जो NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) या बैंकों और FI से खराब ऋण खरीदता है और उन्हें NPA से उबरने में मदद करता है।
वे RBI के तहत पंजीकृत हैं और सेक्युरीतिसेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ़ फाइनेंसियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ़ सिक्योरिटीज इंटरेस्ट(SARFAESI) अधिनियम, 2002 के तहत विनियमित हैं।
पूंजी की जरूरत: ARC का शुद्ध स्वामित्व 100 करोड़ रुपये या उससे अधिक होना चाहिए। उन्हें अपनी जोखिम-भारित संपत्ति का 15% की पर्याप्त पूंजी अनुपात बनाए रखना होगा।
ARC के पास खराब परिसंपत्तियों के प्रबंधन और बिक्री के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) होगी।