रेल मंत्रालय का एकमात्र अनुसंधान एवं विकास संगठन आरडीएसओ बना बीआईएस का पहला एसडीओ संस्थान ( BIS SDO )

उपभोक्ता मामलों के विभाग के अंतर्गत आने वाले भारतीय रेल का संस्थान आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन एंड स्टेंडर्ड्स ऑरगेनाइजेशन) “एक राष्ट्र एक मानक” अभियान के तहत बीआईएस का वह पहला संस्थान बना जिसे एसडीओ घोषित किया गया है। रेल मंत्रालय का एकमात्र अनुसंधान एवं विकास संगठन आरडीएसओ, लखनऊ, देश के प्रमुख मानक तय करने वाले संस्थानों मे से एक है और यह भारतीय रेल के लिए मानक तय करने का काम करता है।

उसने देश के शेष सभी प्रमुख अनुसंधान एवं मानक विकास संस्थानों के लिए न सिर्फ एक आदर्श स्थापित किया है बल्कि उन्हें विश्व स्तरीय मानकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया है

रेल परिवहन क्षेत्र के लिए उपकरण निर्माण करने, सेवा देने और प्रक्रिया का विकास करने वाले सभी निजी और सार्वजनिक संस्थानों को अब से एक विशेषज्ञ एजेंसी आरडीएसओ द्वारा इस क्षेत्र के लिए तय मानकों का लाभ मिलेगा

बहुत शुरूआती स्तर पर ही मानक तय करने की प्रक्रिया शुरू हो जाने और उसमें आईआर सप्लाई चेन से जुड़े अकादमिक विद्वानों, उपयोगकर्ताओं, मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं, परीक्षण केन्द्रों, उद्योगों, विक्रेताओं, छोटे एवं मंझौले उद्योगों, प्रौद्योगिकी विकासकर्ताओं की भागीदारी से मानकों के विकास और उन्हें आत्मसात करने अथवा उपयोगकर्ता द्वारा इस्तेमाल किए जाने के बीच के अंतराल को कम किया जा सकेगा

किसी संस्थान को, बीआईएस से संबद्ध अंतर्राष्ट्रीय मानक निर्माण संस्थानों के तहत एसडीओ की मान्यता मिलने से और वैश्विक सप्लाई चेन या वैश्विक व्यापार से जुड़ने से संबद्ध क्षेत्र में विश्व स्तरीय मानकों के प्रवर्तन और उन्हें आत्मसात किए जाने का रास्ता खुलता है

यह ध्यान देने की बात है कि भारत सरकार की “एक राष्ट्र एक मानक” की परिकल्पना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय मानक संस्थान भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने एक योजना शुरू की है जिसके तहत किसी संस्थान को एसडीओ की मान्यता दी जाती है। इस योजना के जरिए बीआईएस का लक्ष्य, अपने विशिष्ट क्षेत्रों में मानकों के विकास के काम में लगे देश के विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध मौजूदा क्षमताओं और विशिष्ट डोमेन में उपलब्ध सकल विशेषज्ञता को एकीकृत करना है और इस तरह देश में जारी सभी मानक विकास गतिविधियों को रूपांतरित कर “एक विषय पर एक राष्ट्रीय मानक” तैयार करना है।

आरडीएसओ ने मानक निर्माण प्रक्रियाओं की समीक्षा की ताकि उन्हें मानकीकरण के सर्वोत्तम अभ्यासों के साथ पुन: संरेखित किया जा सके, इसे डब्ल्यूटीओ-टीबीटी “अच्छे अभ्यास संहिता” में एन्कोड किया गया और ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा एसडीओ के रूप में मान्यता के लिए आवश्यक मानदंड के रूप में अनिवार्य किया गया।

ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा अनुमोदित एसडीओ के रूप में आरडीएसओ की मान्यता का दायरा “भारत में रेल परिवहन क्षेत्र के लिए उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं के लिए मानक विकास करना है। मान्यता 3 साल के लिए वैध है और वैधता अवधि पूरी होने के बाद नवीनीकरण की आवश्यकता होगी।

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