राज्य सरकार निवेश आकर्षित करने के लिए तरह-तरह की रणनीति बना रही है। एथनॉल नीति बनाने के बाद लगातार मिल रहे निवेश प्रस्तावों को देखते हुए सरकार अब कपड़ा नीति (textile policy) बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उद्योग विभाग गुजरात टेक्सटाइल पॉलिसी का अध्ययन कर रहा है।
गुजरात में सरकार टेक्सटाइल यूनिट को कैपिटल सब्सिडी से लेकर विद्युत उपयोग सब्सिडी तक दे रही है। इसी तर्ज पर बिहार में इंटरेस्ट सब्सिडी, विद्युत सब्सिडी और लेबर सब्सिडी पर विचार कर रही है। लेकिन बिहार उद्यमी लेबर सब्सिडी देने की बात कर रहे हैं। बिहार में चनपटिया मॉडल सफल होने के बाद भी सरकार का ध्यान टेक्सटाइल उद्योग के तरफ गया। पिछले साल कोरोना काल में बाहर से आए बिहार के टेक्सटाइल क्षेत्र में काम करने वालों ने चनपटिया में यूनिट लगाया अाैर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। आज बिहार से टेक्सटाइल उत्पाद देश के दूसरे राज्यों में भेज रहे हैं।
टेक्सटाइल यूनिट लेबर इंसेंटिव होता है। इसलिए सरकार इसको प्राथमिकता दे रही है। बिहार के बाहर टेक्सटाइल क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की संख्या अधिक है। उन्हें अपने राज्य में ही रोजगार उपलब्ध करवाने की सरकार की योजना है।