बिहार के खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बिल (Bihar Sports University Bill) बिहार विधानसभा में पास हो गया है. इस बिल के पारित होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि राज्य के उन खिलाड़ियों के दिन अब बदलेंगे, जो बुनियादी सुविधाओं के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं.
खेल मंत्री आलोक रंजन झा ने कहा कि इस बिल के पारित होने के बाद कहा कि बिहार में खेल और खिलाड़ियों दोनों के लिए यह काफी मददगार साबित होगा. हमारी कोशिश रहेगी कि बिहार में खेल-खिलाड़ियों को लेकर जो शिकायतें होती हैं, उसके बाद वे शिकायतें नहीं रहेंगी. विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि यह सुखद संयोग है कि जिस समय ओलम्पिक चल रहा है उसी समय बिहार में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बिल पास हो गया है, जिसे खेल के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा।
अंतर राष्ट्रीय शूटर और भाजपा MLA श्रेयसी सिंह ने इस विधेयक को बिहार में खेल के लिए टर्निंग प्वाइंट बताया और कहा कि अब उम्मीद है कि बिहार में खेल और खिलाड़ी दोनों की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव आएगा. श्रेयसी ने कहा कि उम्मीद है कि बहुत जल्द बिहार में कोई बड़ा राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मैच भी आयोजित होगा जिससे खेल का माहौल भी बदलेगा.
खेल विश्वविद्यालय विधेयक (Bihar Sports University Bill) प्रमुख बातें :
- खेल विधेयक में जो प्रारम्भिक ड्राफ़्ट तैयार किया गया है उसके मुताबिक, खेल विश्वविद्यालय में डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री दी जाएगी.
- बीएससी स्पोर्ट्स, कोचिंग, बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन जैसे कोर्स भी शुरू किए जाएंगे.
- खेल प्रबंधन और इससे जुड़े आयोजन वाले कोर्स भी शुरू किए जा सकते हैं.
- सरकार का मकसद साफ है कि बिहार में ना सिर्फ खेलों को बढ़ावा मिले, बल्कि इससे रोजगार का सृजन भी हो, साथ ही राज्य में फिलहाल शारीरिक शिक्षकों और खेल प्रशिक्षकों की जो कमी है, उसे भी दूर किया जा सके.
- नए फिजिकल ट्रेनिंग कॉलेज भी खोलने की तैयारी है, जिससे खेल प्रशिक्षक भी बड़ी संख्या में तैयार किए जा सकते हैं.