बिहार के शहरी निकायों में अगले दो सालों में करीब दो हजार कामन सर्विस सेंटर (common service centre) खोले जाएंगे। इसका संचालन शहरी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी, जिन्हें डिजी सखी के नाम से पुकारा जाएगा। दसवीं पास इन महिलाओं के समूह को प्रशिक्षित कर उन्हेंं कामन सर्विस सेंटर के संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। यह समूह अपने वार्ड में लोगों को कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराएंगी।
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं वार्ड स्तर पर रहने वाले दिव्यांग, वृद्ध, असहाय महिला-पुरुषों के साथ-साथ खाताधारकों का पैसा बायोमेट्रिक से निकालने में भी मदद करेंगी। इसके साथ सीएससी के माध्यम से सभी दैनिक जीवन में उपयोगी सेवाएं भी प्रदान करेंगी। इसके अलावा विभिन्न तरह के सरकारी प्रमाण पत्रों के आवेदन, बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाएं, विभिन्न कंपनी की बीमा, पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा स्कीम के आवेदन, पैन एवं आधार कार्ड, बिजली बिल, गैस बुकिंग, ट्रेन टिकट, स्वास्थ सेवा आदि सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।
इसके साथ स्वयं सहायता समूहों के द्वारा बनाये गए उत्पाद को भी सीएससी के माध्यम से ऑनलाइन ई कामर्स वेबसाइट पर बिजनेस प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के द्वारा राज्य में अब तक लगभग 24 हजार स्वयं सहायता समूह एवं उनके करीब आठ सौ एरिया लेवल फेडरेशन का गठन किया गया है। राज्य के सभी नगर निकायों में सिटी लाइवलीहुड सेंटर भी स्थापित किये जा रहे हैं।