17 जनवरी, 2022 को प्रसिद्ध कथक नर्तक बिरजू महाराज / ( बृज मोहन नाथ मिश्रा) ( Pandit Birju Maharaj ) का निधन हो गया। उनका जन्म 4 फरवरी, 1937 को तत्कालीन हंडिया (वर्तमान में प्रयागराज जिले की एक तहसील), यूनाइटेड प्रोविन्सेन्स, ब्रिटिश इंडिया में हुआ था।
वह कथक नर्तकों के महाराज परिवार के वंशज रहे।
जिसमें उनके दो चाचा, शंभू महाराज और लच्छू महाराज और उनके पिता और गुरु अचन महाराज शामिल हैं।
वह लखनऊ के कालका-बिंदादिन घराना से ताल्लुक रखते थे।
वे हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के गायक भी रहे।
उन्हें वर्ष 1964 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1986 में पद्म विभूषण पुरस्कार, वर्ष 1987 में कालीदास सम्मान तथा वर्ष 2002 में लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इसके अलावा उन्हें राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भभावना पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
उन्हें वर्ष 2012 में उन्नाई कानाथू (Unnai kaanaathu) फिल्म ( विश्वरूपम) के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किया गया था।
वर्ष 2016 में उन्हें फिल्म बाजीराव मस्तानी के गाने ‘मोहे रंग दो लाल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।