ख़बरों में क्यों :
बिहार कृषि विश्वविद्यालय ने इस बैगन की एक नई किस्म ईजाद की है, जिसका नाम सबौर कृष्णकली रखा गया है। विश्वविद्यालय ने शोध को मंजूरी देकर इसे जारी कर दिया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि अपने आप में यह देश में पहली किस्म का बैंगन है जो एलर्जी मुक्त है ।
प्रमुख बिंदु :
- बिहार विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने सात साल के शोध के बाद इस नये किस्म के बैंगन की खोज की है।
- नुकसान पहुंचाने वाले बीटी के लक्षण इसमें नहीं हैं. इसके अलावा बैंगन को सड़ाने वाली फोमोसिस बीमारी भी इसमें कम होगी।
बीजों की संख्या कम होने के कारण बैंगन से एलर्जी वाले व्यक्ति भी इसका सेवन कर सकते हैं। - भरता के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त सबौर कृष्णकली बैंगन ना सिर्फ स्वाद और गुणवत्ता में बेहतर है बल्कि इसकी उत्पादकता भी अब तक प्रचलित बैगन के प्रभेदों से काफी अधिक है। इसकी उत्पादकता 430 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होगी।
- इस किस्म की खासियत यह है कि इसके 170 से 180 ग्राम साइज के फल में बीजों की अधिकतम संख्या 50 से 60 ही होती है। वीं दूसरी प्रजाति के बैंगनों में दो सौ से पांच सौ की संख्या तक बीज होते हैं।