चंद्रग्रहण एवं सूर्यग्रहण

चंद्रग्रहण एवं सूर्यग्रहण चंद्रमा पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह है। चंद्रमा की विशिष्ट स्थिति और सापेक्ष गति के कारण, चंद्रमा की विभिन्न कलाएं निर्मित होती हैं। चंद्रमा एक प्रकाशहीन पिंड है। यह सूर्य के प्रकाश से प्रदीप्त होता है, लेकिन इसके गोल Read More …

अक्षांश और देशांतर

पृथ्वी अक्षांश रेखा किसी स्थान के भूमध्य रेखा से उत्तर और दक्षिण की ओर की कोणात्मक दूरी को उस स्थान का अक्षांश कहा जाता है। कोणात्माक दूरी वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखा को अक्षांश रेखा कहा जाता है। भूमध्य रेखा Read More …

ब्रह्मांड एवं सौरमंडल

ब्रम्हाण्ड आकाशगंगाओं के सभी पुंज को एक साथ ब्रह्माण्ड कहा जाता है, अर्थात सबसे छोटे अणुओं से लेकर अलौकिक आकाशगंगाओं तक के संयुक्त रूप को ब्रह्मांड कहा जाता है। ब्रम्हाण्ड की उत्तपति से संबंधित अन्य सिद्दांत ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में “बिग बैंग सिद्धांत” सबसे Read More …

पृथ्वी का जल वितरण

पृथ्वी का जल वितरण जलाशय  आयतन (मिलियन घन किमी)                कुल का प्रतिशत  महासागर   1370 97.25 हिमानी   29 2.05 भूमिगत जल   9.5 0.68 झीले   0.125 0.01 मिटटी में नमी   0.065 0.005 बायुमण्डल   0.013 0.001 नदी -नाले   0.0017 0.0001 जैवमंडल   0.0006 0.00004

पृथ्वी के प्रमुख गतियाँ

पृथ्वी के प्रमुख गतियाँ सूर्य से दुरी के अनुसार तीसरा, जबकि आकार में पांचवां सबसे बड़ा ग्रह पृथ्वी है। यह 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड में 1610 किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम से पूर्व की ओर Read More …

पृथ्वी की आंतरिक्ष संरचना

पृथ्वी की आंतरिक्ष संरचना ► पृथ्वी की आंतरिक्ष संरचना की जानकारी देने वालों स्त्रोंतों को दो वर्गों में बाँटा गया है :- अप्राकृतिक स्त्रोत अप्राकृतिक स्त्रोतों में ताप, दबाव व घनत्व शामिल है।  पृथ्वी में भू-गर्भ की ओर बढ़ने पर आमतौर पर तापमान 1 डिग्री सेल्सियस प्रति 32 मीटर की दर से बढ़ता है, लेकिन तापमान बढ़ने की यह दर एक सीमा तक सीमित होती है। दबाव : Read More …

पृथ्वी की उत्पत्ति

पृथ्वी की उत्पत्ति संभवत: पृथ्वी की उत्पत्ति के बारे में पहली तार्किक परिकल्पना फ्रांसीसी वैज्ञानिक कस्टे बफन द्वारा 1749 ई। में प्रस्तुत की गई थी। ग्रहों की उत्पत्ति में भाग लेने वाले सितारों की संख्या के आधार पर वैज्ञानिक अवधारणाओं Read More …