भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंध

चर्चा में क्यों? बांग्लादेश में कई सप्ताह तक चले हिंसक प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध अनिश्चितता के दौर में पहुंच गए हैं। सेना प्रमुख ने घोषणा की है कि Read More …

वक्फ संशोधन विधेयक

वक्फ संशोधन विधेयक : वक्फ क्या है? इस्लामी कानून में, “वक्फ” से तात्पर्य धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए ईश्वर को समर्पित संपत्ति से है । इसमें सार्वजनिक हित के लिए अलग रखी गई चल और अचल दोनों प्रकार की Read More …

वायनाड त्रासदी: पारिस्थितिकी की अनदेखी का परिणाम है व्याख्या करें ?

वायनाड त्रासदी

वायनाड त्रासदी हमें एक महत्वपूर्ण चेतावनी देती है कि प्रकृति और पर्यावरण की अनदेखी किसी भी समाज के लिए गंभीर परिणाम ला सकती है। केरल के वायनाड जिले में हुई इस त्रासदी ने कई लोगों की जान ली और भारी Read More …

बांग्लादेश में तख्तापलट, क्या है कोटा विवाद जाने विस्तृत रूप में

बांग्लादेश के कोटा विवाद के संदर्भ में शेख हसीना का इस्तीफा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है। इस विवाद ने शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आरक्षण व्यवस्था को लेकर व्यापक विरोध और राजनीतिक उथल-पुथल को जन्म दिया। आइए इस Read More …

क्या है विशेष राज्य का दर्जा जिसे केंद्र सरकार ने बिहार को देने से किया इनकार

विशेष राज्य का दर्जा एक ऐसा संवैधानिक प्रावधान है जिसके तहत किसी राज्य को केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता, कर में छूट, और अन्य विशेष सुविधाएं मिलती हैं। यह दर्जा राज्यों को उनकी भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक विशेषताओं के आधार Read More …

दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इलेक्ट्रिक वाहन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में कैसे योगदान देते हैं और पारंपरिक दहन इंजन वाहनों की तुलना में वे क्या मुख्य लाभ प्रदान करते हैं?

इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का चलन तेजी से बढ़ रहा है और इसके कई कारण हैं, जिनमें पर्यावरणीय लाभ प्रमुख हैं। यहाँ पर इलेक्ट्रिक वाहनों के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और उनके पारंपरिक दहन इंजन वाहनों (ICEVs) की तुलना में Read More …

“जाके पाँव न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई” पर 700 से 800 शब्दों में निबंध लिखें ?

“जाके पाँव न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई” यह कहावत भारतीय जनजीवन में अत्यधिक प्रसिद्ध है। इस कहावत का अर्थ है कि जिसने स्वयं कष्ट नहीं भोगा है, वह दूसरों के कष्ट को नहीं समझ सकता। यह कहावत Read More …

नालंदा प्राचीन और प्रारंभिक मध्यकालीन भारत का एक मठ-सह-शैक्षणिक प्रतिष्ठान मात्र नहीं था। चर्चा करें।

नालंदा

नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन और प्रारंभिक मध्यकालीन भारत का एक प्रमुख मठ-सह-शैक्षणिक प्रतिष्ठान था, लेकिन इसका महत्व केवल इसके शैक्षणिक योगदान तक सीमित नहीं था। नालंदा के बहुआयामी महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से विस्तारित किया जा सकता है: 1. Read More …

1857 के विद्रोह ने अंग्रेजों को भारतीय प्रशासन को पूरी तरह से बदलने पर मजबूर कर दिया। ब्रिटिश भारत में 1857 के विद्रोह से पहले और बाद के प्रशासन का तुलनात्मक विश्लेषण करें।

1857 के विद्रोह

1857 के विद्रोह ने ब्रिटिश प्रशासन को भारतीय प्रशासन प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने पर मजबूर कर दिया। इस विद्रोह से पहले और बाद के प्रशासन का तुलनात्मक विश्लेषण निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से किया जा सकता है: 1. प्रशासनिक Read More …

‘घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध’ पर 700 से 800 शब्दों में निबंध लिखें ?

परिचय ‘घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध’ यह प्रसिद्ध हिंदी कहावत भारतीय समाज में अक्सर सुनने को मिलती है। इस कहावत का मूल अर्थ है कि अपने घर में या अपने समाज में व्यक्ति की उतनी कद्र नहीं Read More …

योग दिवस 21 जून – स्वयं और समाज के लिए योग

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। यह दिवस योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और इसके अभ्यास को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। इस दिन का आयोजन 2015 Read More …

बिहार जैसे राज्यों में बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस संदर्भ में, इसके कारणों और उन्हें कम करने के उपायों पर चर्चा करें।

bihar flood

बिहार में बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं और यह एक गंभीर समस्या बन गई है। इसके प्रमुख कारण और समाधान निम्नलिखित हैं: बाढ़ के प्रमुख कारण: भौगोलिक स्थिति: बिहार का अधिकांश क्षेत्र निचले गंगा के मैदानों में स्थित है, Read More …