छठे सीआईआई फार्मा और जीवन विज्ञान शिखर सम्मेलन ( CII Pharma and Life Sciences Summit )

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली में छठे सीआईआई फार्मा और जीवन विज्ञान शिखर सम्मेलन ( CII Pharma and Life Sciences Summit ) को संबोधित करते हुए कहा कि घरेलू उत्‍पादन को बढावा देकर, भारत न केवल आत्मनिर्भर बनता जा रहा है, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की आपूर्ति सुलभ हो सके।
देश के फार्मा उद्योग की सराहना करते हुए उन्‍होंने कहा कि भारत सस्‍ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के उत्‍पादन का बडा केन्‍द्र बनकर उभर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में दवाओं के उत्पादन में मात्रा के हिसाब से तीसरे स्थान पर और मूल्य के हिसाब से 14वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि वैश्विक टीकाकरण प्रयासों को बढ़ाने के लिए समान रूप से टीकों की उपलब्‍धता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

एपीआई फार्मास्युटिकल उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्‍सा है। इसका उपयोग कैंसर, दिल और गुर्दो जैसी कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। दवा बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले सक्रिय घटक – एपीआई की आयात पर निर्भरता को कम करने में बडी भूमिका निभा रही है।

सक्रिय दवा घटक (एपीआई) किसी दवा उत्पाद (टैबलेट, कैप्सूल, क्रीम, इंजेक्शन) का जैविक रूप से सक्रिय घटक है जो इच्छित प्रभाव उत्पन्न करता है। एक्सीपिएंट रासायनिक रूप से निष्क्रिय पदार्थ होते हैं, जैसे कि गोली में लैक्टोज या खनिज तेल।

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