बिहार के दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित प्राकृतिक और वन संपदा से भरपूर जमुई जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने एक पहल शुरू की है. जमुई के सिमुलतला का हल्दिया जलप्रपात, जिसे बिहार का मिनी शिमला कहा जाता है, नागी-नक्ती आश्रय, जो हर साल हजारों विदेशी पक्षियों से गुलजार रहता है, क्षत्रिय कुंड गाँव जहाँ महावीर भगवान का जन्म हुआ था, पाटनेश्वर पहाड़ी सराय इत्यादी मनोरम दृश्य जैसे कई स्थानों को वन विभाग ने ईको-टूरिज्म के रूप में बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
जमुई जिले में कई जगह है जहां की प्राकृतिक छटा, जैविक विविधता और वन्य जीव पर्यावरण प्रेमियों के लिए एक पर्यटन स्थल के रूप में है, जहां की हरियाली, पहाड़ और प्राकृतिक सुंदरता की अनोखी ताजगी के साथ लोगों को आकर्षित करती है. यही कारण है कि इन जगहों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बिहार के इको टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की कोशिश वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने करना शुरू कर दिया है. यहीं पर वर्ष 2021 में बिहार का पहला पक्षी महोत्सव का आयोजन किया गया था.