चार दशक में पहली बार वित्त वर्ष 2020 – 21 में GDP में 7. 3 % की गिरावट , राजकोषीय घाटा 9.3 फीसद रहा

देश की GDP में वित्त वर्ष 2020-21 ( अप्रैल – मार्च ) में 7.3 फीसद की गिरावट आई । एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2020-21 की चौथी तिमाही ( जनवरी -मार्च ) में 1.6 फीसद रही । यह इससे पिछली तिमाही अक्तूबर – दिसंबर , 2020 में 0.5 फीसद से अधिक है । इससे पूर्व , वित्त वर्ष 2019-20 की जनवरी मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद ( GDP ) में 3 फीसद की वृद्धि हुई थी ।

यह चार दशक में पहली बार है जब किसी वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में इतना गिरावट आई है । इससे पहले 1979-80 में जीडीपी में 5.2 फीसद की गिरावट आई थी । वित्त वर्ष 2019-20 में अर्थव्यवस्था में 4 फीसद की वृद्धि हुई थी । 

GDP वृद्धि दर 2016-17 में 8.3 फीसद थी जो अगले वित्त वर्ष में घटकर 7 फीसद और फिर 2018-19 में 6.1 फीसद रही । चार दशक में यह पहली बार है जब किसी वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है । इससे पहले 1979-80 में जीडीपी में 5.2 फीसद की गिरावट आई थी । राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ( एनएसओ ) के आंकड़े के अनुसार देश का वास्तविक जीडीपी 2020-21 में घटकर 135 लाख करोड़ रुपए रहा जो मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष में 145 लाख करोड रुपए था । अर्थव्यवस्था को 145 लाख करोड़ रुपए का स्तर प्राप्त करने के लिए 2021-22 में 10 से 11 फीसद वृद्धि की जरूरत होगी । लेकिन कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं । इसको देखते हुए कई विशेषज्ञों ने अनुमान जताया कि तुलनात्मक आधार कमजोर रहने के बावजूद जीडीपी वृद्धि दर दहाई अंक में नहीं पहुंचेगी ।

राजकोषीय घाटा 2020-21 में सकल घरलू उत्पाद ( जीडीपी ) का 9.3 फीसद रहा. यह वित मंत्रालय के संशोधित अनुमान 9.5 फीसद से कम है । महालेखा नियंत्रक ( सीजीए ) ने 2020-21 के लिए केंद्र सरकार के राजस्व – व्यय का लेखा – जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा 7.42 फीसद था । निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 18,21,461 करोड़ रुपए बैठता है जो जीडीपी का 9.3 फीसद है ।

सरकार ने फरवरी 2020 में पेश बजट में 2020-21 के लिए शरू में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपए या जीडीपी का 3.5 फीसद रहने का अनुमान जताया था । वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पिछले वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा अनुमान को संशोधित कर 9.5 फीसद यानी 18,48,655 करोड़ रुपए कर दिया गया । कोविड -19 महामारी और राजस्व प्राप्ति में कमी को देखते हुए राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ाया गया । 2019-20 में राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का 4.6 फीसद रहा था । मुख्य रूप से राजस्व कम होने से राजकोषीय घाटा बढ़ा है ।

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