विश्व बैंक की नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि वैश्विक प्रेषण (Global Remittance ) में भारत की अग्रणी स्थिति 2023 में $125 बिलियन तक पहुंच गई है। जबकि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में प्रेषण में 3.8% की वृद्धि हुई, चुनौतियों में मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में गिरावट भी शामिल है। रिपोर्ट समावेशी श्रम बाजारों और सामाजिक सुरक्षा नीतियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।
शीर्ष पांच प्राप्तकर्ता देश: भारत के अलावा, शीर्ष पांच प्रेषण प्राप्तकर्ता देशों में मेक्सिको (67 बिलियन अमेरिकी डॉलर), चीन (50 बिलियन अमेरिकी डॉलर), फिलीपींस (40 बिलियन अमेरिकी डॉलर) और मिस्र (24 बिलियन अमेरिकी डॉलर) शामिल हैं।
अनुमानित वृद्धि: रिपोर्ट में 2024 में एलएमआईसी को प्रेषण में 3.1% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है, लेकिन उच्च आय वाले देशों में कमजोर आर्थिक गतिविधि और नौकरी बाजारों के कारण सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
लगातार उच्च लागत: प्रेषण लागत उच्च बनी हुई है, 2023 की दूसरी तिमाही तक 200 अमेरिकी डॉलर भेजने के लिए औसतन 6.2%। बैंक 12.1% की औसत लागत के साथ सबसे महंगा चैनल बने हुए हैं।