
रक्षा एवं अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की देखरेख में भारतीय सेना की पूर्वी और दक्षिणी कमान ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआर-एसएएम) के चार उपयोगकर्ता परीक्षण सफलतापूर्वक किए हैं।
यह मिसाइल भारत और इजरायल द्वारा भारतीय सशस्त्र बलों के लिए संयुक्त रूप से विकसित की गई है। ये परीक्षण 3 और 4 अप्रैल, 2025 को ओडिशा के तट पर स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर किए गए।
डीआरडीओ के अनुसार, इस सफल उपयोगकर्ता परीक्षण के साथ, एमआर-एसएएम प्रणाली भारतीय सेना की पूर्वी और दक्षिणी कमान में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उल्लेखनीय है कि इस मिसाइल को पहले ही भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा चुका है।
मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली को डीआरडीओ और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने मिलकर विकसित किया है, जो भारतीय सशस्त्र बलों की सामरिक क्षमताओं को और मजबूत करेगी।